मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी के स्कूलों में इस योजना के तहत में कक्षा नवीं व दसवीं के स्टूडेंट्स को शामिल किया गया है। हर विदेशी भाषा के एक बैच में 25 स्टूडेंट्स होंगे। सभी चयनित कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां पढ़ाने के लिए चार में से कोई दो भाषाएं चुन लें. अगस्त से कॉलेजों में इसके बैच शुरू करने की तैयारी है। लखनऊ के डीआईओएस डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि छात्रों को पढ़ाने के लिए 10 हजार रुपये मानदेय पर विभिन्न भाषाओं के इंस्ट्रक्टर रखे जाएंगे। छात्रों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट क्लासेज का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग का मानना है कि विदेशी भाषाएं सीखने से जहां एक ओर प्रदेश के युवाओं अन्य देशों में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे वहीं दूसरी ओर पर्यटन समेत विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में रोजगार भी मिल सकेगा। विभाग का मानना है कि विदेशी भाषाएं सीखने से जहां एक ओर प्रदेश के युवाओं अन्य देशों में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। वहीं दूसरी ओर पर्यटन समेत विभिन्न क्षेत्रों और उद्योगों में रोजगार भी मिल सकेगा। प्रदेश के 7 जिलों के 50 विद्यालयों को किया गया चयन लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद, गाजियाबाद और मथुरा के विद्यालय चिन्हित लखनऊ में 8 राजकीय कॉलेजों का चयन किया गया है।लखनऊ के डीआईओएस डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि छात्रों को पढ़ाने के लिए 10 हजार रुपये मानदेय पर विभिन्न भाषाओं के इंस्ट्रक्टर रखे जाएंगे। छात्रों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट क्लासेज का भी इस्तेमाल किया जाएगा।