ऐसे में ट्रेजरी से खत्म होते स्टाम्प पेपर से उनकी किल्लत बढ़ती जा रही थी। शपथ पत्र से लेकर रेंट एग्रीमेंट आदि के लिए भी 10 रुपये से 100 रुपये तक के स्टांप पेपर तीन से पांच गुना ज्यादा मूल्य पर ब्लैक में बेचे जा रहे हैं। हालांकि, स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इंडिया (सीआरए) के माध्यम से किसी भी वैल्यू तक की ई-स्टांपिंग के लिए अब स्टाम्प वेंडर अधिकृत हैं, लेकिन वे भी कम मूल्य के ई-स्टांप प्रिंट करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते, क्योंकि 100 रुपये के ई-स्टाम्प पर उन्हें बतौर कमीशन 11.5 पैसे ही मिलते हैं। ऐसे में सरकार ने अब अधिकतम 500 रुपये तक के ई-स्टांप छापने की अनुमति सभी को दे दी है।
मार्च में मिलने लगेगी ई-स्टांप प्रिंट की सुविधा
इस संबंध में स्टांप आयुक्त मिनिस्ती एस. द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति नेट बैंकिंग, डेबिड कार्ड या यूपीआइ के जरिए स्टांप शुल्क का भुगतान कर कहीं से भी सीआरए की वेबसाइट www.shcilestamp.com या स्टाम्प विभाग की वेबसाइट igrsup.gov.in पर जाकर ऑनलाइन ई-स्टांपिंग मॉड्यूल के तहत अब 500 रुपये तक के ई-स्टांप प्रमाण पत्र खुद प्रिंट (80 जीएसएम एक्जीक्यूटिव बांड पेपर) कर सकेगा। सेल्फ प्रिंटिंग में धोखाधड़ी रोकने के लिए सीआरए को सुरक्षा के सभी पहलुओं को देखने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में हैकिंग आदि के निगरानी सिस्टम को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कर खुद ई-स्टांप प्रिंट करने की सुविधा मार्च के पहले सप्ताह से मिलने की उम्मीद जताई गई है।
ई-स्टांप के लिए देनी होगी जानकारी
वेबसाइट के ऑनलाइन ई-स्टांपिंग सिस्टम में पहले कराए गए पंजीयन के सत्यापन के बाद आपको यूजर आइडी और पासवर्ड बनाना होगा। इससे लॉगइन करके राज्य, अनुच्छेद (शपथ पत्र, सामान्य अनुबंध, अप्रेंटिसशिप पत्र, नामांकन का प्रमाण पत्र, प्रति, क्षतिपूर्ति बांड, लेटर आफ लाइसेंस, बिल या नोट का प्रोटेस्ट, जमानती बांड आदि), स्टांप शुल्क की राशि, दोनों पक्षों का ब्योरा देने के साथ ही यह भी बताना होगा कि किस उद्देश्य से ई-स्टांप ले रहे हैं। इस तरह प्रिंट किए गए ई-स्टांप प्रमाण पत्र का अनिवार्य रूप से सत्यापन वेबसाइट या ई-स्टांपिंग मोबाइल एप के जरिए भी किया जा सकेगा।