यूजी व पीजी के फर्स्ट ईयर के छात्रों को प्रमोट करने की मांगी अनुमति
लखनऊ. लखनऊ विश्वविद्यालय ने मौजूदा कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए स्नातक और परास्नातक के पहले सेमेस्टर की परीक्षाओं को न कराके छात्रों को प्रमोट करने की अनुमति उत्तर प्रदेश शासन से मांगी है। स्नातक के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर की परीक्षाएं कोरोना महामारी की दूसरी वेव से पहले कराई जा चुकी थीं जिसके कुछ परीक्षाओं के परिणाम जारी भी किए गए हैं। अन्य परीक्षा के भी परिणाम भी जल्दी घोषित किए जायेंगे। विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे।
लखनऊ में न्यू सहारा अस्पताल किया गया सील
लखनऊ. राजधानी में निरीक्षण पर निकलीं प्रभारी डीएम ने हरदोई रोड स्थित एक अस्पताल को सील करने के निर्देश दिए। रौशन जैकब ने कई अस्पतालों का निरीक्षण। इस दौरान हरदोई रोड स्थित न्यू सहारा अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज निर्धारित शुल्क से ज्यादा पर होता मिला। उन्होंने महामारी एक्ट के तहत अस्पताल सील करने और मरीजों को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। प्रभारी डीएम रौशन जैकब ने बताया कि इस अस्पताल के बारे में शिकायत मिली थी। उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड रोगियों के उपचार के लिए सरकार ने जो दरे निर्धारित की हैं उतना ही शुल्क वसूला जाए। किसी अस्पताल के बारे में शिकायत आई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बिना मास्क यात्री रोडवेज बस में नहीं कर सकेंगे सफर
लखनऊ. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए परिवहन निगम प्रशासन ने अपने बसों में सख्ती करने जा रहा है। प्रधान प्रबंधक डीबी सिंह ने कोविड 19 के अंतर्गत जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा है कि बिना मास्क यात्री रोडवेज बस में सफर नहीं कर सकते। चेकिंग के दौरान बिना मास्क पाए जाने पर बस कंडक्टर और यात्री दोनों पर कार्रवाई होगी। आदेश में कहा गया है कि जिन यात्रियों के पास मास्क नहीं होगा, उन्हें बस कंडक्टर 10 रुपये का मास्क देंगे। बस कंडक्टर को यह मास्क बस अड्डे के ड्यूटी रूम से मिलेगा। जिसके बदले उन्हें ड्यूटी खत्म करने के बाद मास्क का हिसाब देना पड़ेगा। इस नई व्यवस्था को सख्ती से प्रदेश भर में लागू करने के लिए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को सरकुलर भेज दिया गया है।
देवर ने भाभी को लाठी से पीटा, इलाज के दौरान मौत
बाराबंकी. जिले के लोनीकटरा थाना क्षेत्र के शिवनाम गांव में लाठी की मार से घायल भाभी की इलाज के दौरान मौत हो गयी। शिवनाम गांव का चन्द्रशेखर रावत बीती रात गाली गलौज कर रहा था। विरोध करने पर भाभी दुलारा (38) पत्नी गुड्डू पर उसने लाठी से हमला कर दिया। परिवार के लोग उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस चन्द्रशेखर की तलाश कर रही है। एसओ दुर्गा प्रसाद शुक्ला ने बताया कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि देवर ने भाभी से अपने पसंदीदा प्रत्याशी को पंचायत चुनाव में वोट देने के लिए कहा था लेकिन भाभी ने उसकी बात नही मानी तो उसने यह घटना की है। हालांकि पुलिस अभी इस बात से इनकार कर रही है।
ग्राम प्रधान प्रत्याशी की मारपीट कर ली जान, जांच में जुटी पुलिस
भदोही. जिले में ग्राम प्रधान पद के एक प्रत्याशी की मौत हो गई जिसे लेकर मृतक के परिजनों का आरोप है कि जमीनी विवाद में 21 अप्रैल को हुई मारपीट की वजह से उनकी मौत हुई है। वहीं पुलिस का कहना है कि मौत किस वजह से हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। भदोही कोतवाली क्षेत्र के डुडवा धर्मपुरी गांव का यह पूरा मामला है। गांव के रहने वाले लालजी गौतम जो ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी थे। उनकी अचानक मौत हो गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि 21 अप्रैल को जमीनी विवाद में उनकी पटीदारों से मारपीट हुई थी। जिसमे पटीदारों ने उनकी पिटाई कर दी थी, जिसकी वजह से मौत हुई है।
ऑक्सीजन की कमी के कारण महिला समेत 5 लोगों की मौत
सुल्तानपुर. जिले में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घण्टों में जिलापूर्ति अधिकारी अभय सिंह समेत विभिन्न विभागों के 20 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिन्हें कोविड एल-1 हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया है। उधर जिला अस्पताल में भर्ती 5 मरीजों को ऑक्सीजन की कमी के कारण जान से हाथ धोना पड़ा। जिले में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। 24 घण्टे के भीतर एल-2 हॉस्पिटल और जिला अस्पताल में भर्ती 5 लोगों की मौत हो गई। ऑक्सीजन की कमी से अभी भी दर्जनों लोगों की जान खतरे में है। रविवार को भी 9 लोगों की मौत हुई थी।
अंतिम संस्कार में टूट रहे कोविड प्रोटोकॉल
कानपुर. कोराना वायरस के संक्रमण ने ऐसा कहर बरपाया है, कि हर गली मोहल्ले से मातमी शोर की गूंज सुनाई दे रही है। श्मशाम घाटों से लेकर कब्रिस्तान तक सिर्फ लाशें ही लाशें नजर आ रहीं हैं और शहर भर के प्रमुख घाटों में संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार में कोविड प्रोटोकॉल टूट रहे है। शहर के प्रमुख घाटों पर क्षमता से अधिक शव पहुंच रहे। देर रात तक शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जा रही है, यहीं हाल कब्रितानों का भी है। घरों पर संक्रमण की वजह से दम तोड़ने वालों को तो 4 कंधे भी नसीब नहीं हो रहे है। अपनों के खोने का गम परिजनों की आंखों से बहते आंसू बयां कर रहे है। श्मशाम घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए 6 से 7 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है।