इस अवसर पर जिला कुष्ठ रोग अधिकारी अम्बुज सिंह ने कहा – कुष्ठ रोग एक संक्रामक रोग है, जो हजारों वर्षों से चला आ रहा है। इस कारण प्राचीन काल से लोग कुष्ठ रोगियों से भेदभाव करते चले आ रहे हैं। यह आनुवांशिक होता है इसका भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गैर सरकारी संगठनों सहित सामान्य स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक वर्ष चिन्हित किए गए सभी मामलों में उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाता है। कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है और बच्चे भी पैदा कर सकता है।
इस मौके पर कुष्ठ रोग की जागरूकता से सम्बंधित जादू के खेल का भी आयोजन किया गया।इस अवसर पर जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डा.शोमित सिंह और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे। जिला कुष्ठ कार्यालय सहित, बाल महिला चिकित्सालय (बीएमसी)अलीगंज, काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) काकोरी सहित सभी शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर गाँधी जी की पुण्य तिथि पर दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी और कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों को कुष्ठ रोगियों से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करने की शपथ दिलाई गयी । आज अभियान के तहत शहर के सभी बस, टेम्पो और ऑटो रिक्शा के पीछे कुष्ठ जागरूकता से संबधित पम्पलेट लगाए गए और लोगों को इससे अवगत भी कराया गया।
अलीगंज बाल महिला चिकित्सालय पर भी जादूगर के शो के माध्यम से कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक किया गया ।सीएचसी काकोरी पर अधीक्षक डा. पिनाक त्रिपाठी ने वहां पर उपस्थित लोगों को कुष्ठ रोगियों से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करने की सभी को शपथ दिलाई।इस मौके पर एनएमए धर्मेन्द्र दीक्षित, डा. सुनील कुमार, डा. सत्येन्द्र कुमार, ब्लाक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक प्रद्युम्न कुमार मौर्या सहित पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहा।