scriptWorld Senior Citizen’s Day: राजनीति के सबसे धुरंधर सीनियर्स, जिनके एक इशारे से पलट गए सारे राजनीतिक गणित | old leaders of indian politics | Patrika News

World Senior Citizen’s Day: राजनीति के सबसे धुरंधर सीनियर्स, जिनके एक इशारे से पलट गए सारे राजनीतिक गणित

locationलखनऊPublished: Aug 21, 2019 01:01:45 pm

21 अगस्त को पूरी दुनिया में वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे (World Senior Citizen’s Day) मनाया जाता है।

World Senior Citizen's Day: राजनीति के सबसे धुरंधर सीनियर्स, जिनके एक इशारे से पलट गए सारे राजनीतिक गणित

World Senior Citizen’s Day: राजनीति के सबसे धुरंधर सीनियर्स, जिनके एक इशारे से पलट गए सारे राजनीतिक गणित

लखनऊ. 21 अगस्त को पूरी दुनिया में वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे (World Senior Citizen’s Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of america) के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Former president ronald reagan) ने की थी। जिसके बाद पूरी दुनिया में इस दिन को वृद्धों को समर्पित करते हुए मनाया जाने लगा, लेकिन इन सब के बाद भी आज के समय में देश-दुनिया में बुजुर्गों की जो स्थिति है, वह बेहद गंभीर और विचार करने वाली है। आज हम आपको राजनीति के उन पांच बुजुर्ग राजनीतिज्ञों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी तूती आजतक बोतली है।

मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav)

मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के ऐसे धुरंधर नेता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने साधारण परिवार से निकलकर प्रदेश और देश की सियासत में एक बड़ी पहचान बनाई। वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और एक बार देश के रक्षा मंत्री के रूप में सेवा दी। 22 नवम्बर, 1939 को इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई में पैदा होने वाले मुलायम ने शुरुआती दिनों में शिक्षण कार्य किया। लेकिन लोहिया और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद सियासत की ओर रुख किया। लोकदल के विधायक के रूप में सियासत में कदम रखने वाले मुलायम ने 1992 में समाजवादी पार्टी की नींव रखी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जड़ें मजबूत करने में उनका अमूल्य योगदान माना जाता है।

मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi)

मुरली मनोहर जोशी जी का जन्म 5 जनवरी सन् 1934 को दिल्ली में हुआ था। उनका पैतृक निवास-स्थान वर्तमान उत्तराखण्ड के कुमायूँ क्षेत्र में है। उन्होंने अपना एम्एससी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया जहां प्राध्यापक राजेन्द्र सिंह उनके एक शिक्षक थे। यहीं से उन्होंने अपनी डॉक्टोरेट की उपाधि भी अर्जित की। उनका शोधपत्र स्पेक्ट्रोस्कोपी पर था। अपना शोधपत्र हिन्दी भाषा में प्रस्तुत करने वाले वे प्रथम शोधार्थी हैं। बाद में वे राष्ट्रीय राजनीति में आ गये। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे उत्तर प्रदेश के कानपुर से सांसद हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्‍ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया।

लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishan Adwani)

लालकृष्ण आडवाणी, (जन्म: 8 नवम्बर 1927) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी 2008 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एन डी ए) ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने तथा जीत होने पर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी। भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी। लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी।

अजित सिंह (Ajit Singh)

अजीत सिंह ने स्नातक (बीएससी), बी॰टेक॰ और स्नातकोत्तर उपाधि नामी संस्थानों अर्थात लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, आयआयटी खड़गपुर और प्रौद्योगिकी के इलिनोइस संस्थान, शिकागो (संयुक्त राज्य अमेरिका) से प्राप्त की। उन्हें कृषि और आधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेष रुचि है (थी)। उन्होंने अमेरिका में 17 वर्षों तक अमेरिकी कम्प्यूटर इंडस्ट्री में कार्य किया और 1980 के पूर्वार्द्ध में लोकदल को पुनर्जीवित करने वापस भारत आये। लोकदल उनके पिता द्वारा बनाई गयी एक पार्टी है जिसमें मुख्यतः किसानों का एक बड़ा हिस्सा अनुगमन करता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो