लखनऊ

पुरानी पेंशन बहाली व्यवस्था की बनी समिति की पहली बैठक फेल, लोगों में नाराजगी

पुरानी पेंशन बहाली व्यवस्था की बनी समिति की पहली बैठक फेल, लोगों में नाराजगी

लखनऊNov 12, 2018 / 08:50 pm

Anil Ankur

Pension scheme

लखनऊ. पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली को लेकर अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में आज लोक भवन में आहूत बैठक में वित्त , न्याय, नियोजन और निदेशक पेंशन के साथ मंच के अध्यक्ष डा. दिनेश शर्मा और संयोजक हरिकिशोर तिवारी की वार्ता लगभग विफल रही। समिति के अधिकतम अधिकारी की अनुपस्थिति और मुद्दे से हटकर बातचीत पर मंच के नेताओं ने नाराजगी जताते हुंए इसे बैठक को फेल बताया व अगली बैठकों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
पुरानी पेंशन व्यवस्था को पूर्व की भाति बहाल किये जाने को लेकर कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच द्वारा 9 अगस्त 2018 को प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों में एक दिनी धरना व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया था। इसके बाद 29,30 और 31 अगस्त 18 को प्रदेश व्यापी तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार कर मंच पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग पर जोर दिया गया।
इसकी पहली बैठक आज अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल की अध्यक्षता तथा न्याय, नियोजन, वित्त पेंशन अधिकारियों तथा डा. दिनेश चन्द शर्मा व हरिकिशोर तिवारी मंच के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए। भारत सरकार (पीएफआरडीए) के प्रतिनिधि के तौर पर आमंत्रित अधिकारी बैठक में नही आए। बताया गया कि भारत सरकार ने प्रदेश स्तर की अपनी प्रभारी अधिकारी को इस हेतु शंकाओं को दूर करने हेतु भेजने की बात की है। बैठक में सीधे तौर शामिल होने से इंकार किया गया। जिस पर मंच के नेताओं ने असंतोष व्यक्त करते हुए भविष्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली से इतर बिन्दु पर वार्ता किये जाने पर बैठक में प्रतिभाग न करने के निर्णय से मुख्य सचिव को अवगत करा दिया है। इस दौरान वार्ता में मंच के नेताओं ने पेंशन का पैसा डिफाल्टर कम्पनियों पर लगाए जाने का मुद्दा जोर शोर से उठाया।
एक साल में सात बार डिफाल्ट हुई कम्पनी पर लग रहा पेंशन का पैसा

पुरानी पेंशन बहाली समीक्षा के लिए बनी समिति के अध्यक्ष अपर सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल,विशेष सचिव वित्त नील रतन, निदेशक पेंशन रंजन मिश्रा और कर्मचारी शिक्षक प्रतिनिधि के तौर पर डा. दिनेश शर्मा, हरिकिशोर तिवारी, के बीच हुई वार्ता में कर्मचारी शिक्षक नेताओं ने एक साल में दस बार डिफाल्टर हुई कम्पनी पर कर्मचारी और शिक्षक की पंेशन राशि लगाए जाने का विरोध दर्ज कराते हुए। हर हाल में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की माग रखी।
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