बलरामपुर में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए राजभर ने कहा, ‘बाटी-चोखा कच्चा वोट, दारू-मुर्गा पक्का वोट। सारे गरीब दारू पीते हैं, मुर्गा खाके वोट देते हैं और ये दिल्ली, लखनऊ जाने वाले नेता पांच साल फिर उन्हें ही मुर्गा बनाकर घुमाते हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों का विकास न हो पाने की यही सबसे बड़ी वजह है। गरीबों का विकास इसी वजह से नहीं हो सका है।
बताते चलें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर की जुबान फिसली हो। कुछ दिनों पहले ही मऊ में एक रैली के दौरान राजभर ने कहा था कि यूपी में बीजेपी एक महीने में जितना खर्च करती है उतने का तो उनकी बिरादरी वाले एक दिन में शराब पी जाते हैं। राजभर ने यह भी कहा था, ‘उनकी पार्टी (भारतीय समाज पार्टी) के झंडे का पीला रंग है और हम भगवान शंकर के पुजारी हैं। अगर कोई पीले रंग का विरोध करेगा तो हम शाप दे देंगे, उसे पीलिया हो जाएगा।’ इसके अलावा जिलों में जिलाधिकारी की तैनाती को लेकर भी वे योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
एक बार तो उन्होंने तमाम अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर भारतीय जनता पार्टी या भारतीय समाज पार्टी का कार्यकर्ता उन पर गलत काम के लिए दबाव बनाएं तो उन्हें दस-दस लाठी मारकर भगा दें।
पिछड़ा वर्ग दिव्यांग कल्याण मंत्री राजभर ने हाल में ये भी कहा कि जो लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा। इसके अलावा भी उनके कई बयान सुर्खियां बन चुके हैं। वो सीधे योगी आदित्यनाथ सरकार भी वार कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि योगी सरकार भ्रष्टाचार पर काबू करने में नाकामयाब रही है।