scriptअपने को एलडीए कर्मचारी बता आवंटी से रकम ले उड़ा ठग | one more fraud with lda allottee | Patrika News

अपने को एलडीए कर्मचारी बता आवंटी से रकम ले उड़ा ठग

locationलखनऊPublished: Dec 07, 2017 09:06:05 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

अब आवंटी की पुत्री एलडीए के चक्कर लगा रही है लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं।

LDA

LDA


लखनऊ. एलडीए की प्रियदर्शिनी आवासीय योजना में ईडब्ल्यूएस मकान लेने वाला एक और आवंटी धोखाधड़ी का शिकार हो गया। अपने आप को एलडीए कर्मचारी बताने वाला व्यक्ति आवंटी से 30 हजार रुपए लेकर फुर्र हो गया। नतीजा, समय से रुपए जमा न होने के कारण आवंटी का मकान भी निरस्त हो गया है। ऐसे में अब आवंटी की पुत्री एलडीए के चक्कर लगा रही है लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं।
दरअसल, एलडीए की प्रियदर्शिनी योजना में शंभूनाथ नाम के व्यक्ति को करीब सात साल पहले मकान सं या १/६७ आवंटित हुआ था। ईडब्ल्यूएस टाइप इस मकान के लिए उन्हें 35 हजार रुपए जमा करने को कहा गया था। शंभूनाथ की पुत्री लक्ष्मी रावत के मुताबिक, उन्होंने लालबाग में काम करने वाले एलडीए के कर्मचारी जिनका नाम पवन कुमार चौहान था, उसे ३५ हजार रुपए दिए। उसने भी रुपए जमा कर देने का भरोसा दिलाया। इसके बाद वह निश्चिंत हो गए। लक्ष्मी के मुताबिक, कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि उनका मकान निरस्त हो गया है। इसकी वजह उनकी रकम न जमा होना बताया गया। इस पर वह हतप्रभ रह गए। जब उन्होंने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि उनके मकान में महज छह हजार रुपए ही जमा हुए है। पवन चौहान को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिला। गुरुवार को भी लक्ष्मी गोमती नगर स्थित एलडीए मु यालय में अपनी परेशानी को लेकर इधर से उधर भटकती रही। लक्ष्मी ने बताया कि पिता अब अधिक दौड़भाग कर पाने में सक्षम नहीं हैं। इस वजह से वह खुद अधिकारियों से फरियाद कर रही है लेकिन मकान निरस्त हो जाने के बाद कोई भी उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। वह बोली, हमें बड़ी मुश्किलों में यह मकान मिल पाया था। ऐसे में अगर यह भी छिन गया तो हम कहां जाएंगे।

पहले भी हो चुकी है ठगी
यह पहला वाकया नहीं है जब एलडीए कर्मचारी बनकर आवंटियों का ठगा गया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। वजह, एलडीए में विभिन्न अनुभाग में दलालों की पैठ है। यहां तक कि वह बाबुओं की कुर्सी पर भी बैठे दिख जाते हैं। बावजूद इसके एलडीए के अधिकारी उन पर लगाम लगा पाने में सफल नहीं हुए हैं।
पहचान पत्र बनाने की व्यवस्था भी ध्वस्त
बीते दिनों एलडीए में एक व्यवस्था शुरू की गई थी। जिसके तहत एलडीए आने वाले व्यक्ति का कार्ड जारी किया जाता था। इसके लिए उसे अपना नाम, काम आदि की जानकारी देनी होती थी। साथ ही, उनके अंदर प्रवेश के लिए अधिकारी की स्वीकृति भी अनिवार्य की गई थी लेकिन वह व्यवस्था भी अब ध्वस्त हो चुकी है।
एलडीए पीआरओ, अशोक पाल सिंह ने कहा इस नाम का कर्मचारी एलडीए में नहीं है। अगर ऐसी को बात है तो वह लिखित शिकायत वरिष्ठï अधिकारियों से करे। इसके बाद मामले को दिखवाया जाएगा, जो भी उचित होगा किया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो