लखनऊ

जेल में कैदी की हत्या

सोते समय ईंट से कुचल कर साथ कैदी ने दिया वारदात को अंजाम।
 

लखनऊOct 11, 2018 / 08:49 pm

Ashish Pandey

जेल में कैदी की हत्या

फर्रुखाबाद. प्रदेश की जेलों के अंदर हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ महीने पहले बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से जेलों में हत्या की कई वारदातें हो चुकी हैं। ताजा मामला फर्रुखाबाद सेंट्रल जेल का है। जहां जेल में आजीवन सजा काट रहे कैदी ने साथी कैदी का सिर ईंट से कुचलकर हत्या कर दी। सेन्ट्रल जेल में मौत के घाट उतारे गये कैदी गौरी शंकर की रिहाई आगामी 26 जनवरी को की जानी थी। उसका सूची में नाम भी था क्योंकि जेल में उसका अच्छे कैदियों में नाम होने के साथ अधिक उम्र भी हो चुकी थी, लेकिन जेल से रिहाई के लगभग तीन महीने पूर्व ही गौरी शंकर की हत्या कर दी गयी।
केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में कानपुर देहात के अकबरपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला 70 वर्षीय गौरी शंकर दहेज हत्या के आरोप में आजीवन सजा काट रहा था। बुधवार की रात दोनों एक ही बैरक में सोये हुए थे। पड़ोस में लेटे कैदी चंद्रहास ने लेटने वाले स्थान जो कि कच्ची ईंट से बने हुए हंै उसी से ईंट उखाड़ कर गौरी शंकर का सिर कुचल दिया। आनन-फ़ानन में लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत चिंता जनक बताते हुए कानपुर के लिए रेफर कर दिया। कानपुर पहुंचने से पहले ही उसकी कन्नौज में मौत हो गई। हत्या आरोपी चंद्रहास फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र का रहने वाला है। वह भी हत्या के मामले में आजीवन सजा काट रहा है। दोनों आपस में रिश्तेदार बताये जा रहे हैं।
मौजूदा समय में 2200 बन्दी सेंट्रल जेल में बंद है। जेल की बैरकों की दीवारें व बंदियो के लेटने के लिए स्थान कच्चे बने हुए हैं। इस कारण से कैदी ने ईंट उखाड़ कर घटना को अंजाम दिया। वहीं मृतक के ***** सन्दीप दीक्षित ने बताया कि आरोपी दिमाग से कमजोर है। उसी के चलते उसने बहनोई की हत्या कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। कैदी चंद्र हास ने क्यों अपने पड़ोसी की हत्या कर दी।
आखिर जेल अधिकारी मीडिया से दूरी क्यों

सूत्रों की माने तो सेंट्रल जेल में बन्द कैदियों में आपस मे झगड़ा होता रहता है। लेकिन उन कैदियों को अलग-अलग बैरकों में नहीं किया जाता है। दूसरी तरफ जेल प्रशासन सावधानी बरते तो इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।
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