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यूपी में खुलेंगे एक हजार जन औषधि केंद्र, इस वेबसाइट के जरिए मिलेगी हर जानकारी

locationलखनऊPublished: Oct 10, 2017 04:23:30 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए यूपी में जल्द ही 1000 जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। जनऔषधि केंद्र से जुड़ी वेबसाइट की शुरूआत हुई

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लखनऊ. सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत यूपी में जल्द ही 1000 जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। इस योजना के संचालन का काम स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) को सौंपा गया है। मंगलवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्री-बिडिंग सत्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जिसमें आवेदकों को बुलाया गया। इस दौरान उन्हें बिडिंग से जुड़ी तमाम जानकारियां दी गईं।
वेबसाइट की हुई शुरुआत

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.uppmbjp.com की भी शुरुआत की गई है। इस वेबसाइट पर योजना व टेंडरिंग से जुड़ी सभी जानकारियां है। इसके अलावा दवाई का सामान्य मेडिकल स्टोर पर रेट व जन औषधि परियोजना के तहत खुलने वाले मेडिकल स्टोर्स के रेट में क्या फर्क है उसकी भी जानकारी दी गई है। वेबसाइट में एक कॉलम शुरू किया जाएगा जिसमें दवाई का नाम डालने पर उसके सामने उसका कैमिकल नाम और जन औषधि केंद्र पर उस औषधि के दाम सामने आ जाएंगे।
बेरोजगार फार्मासिस्टों को रोजगार ?

साचीज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक कुमार मित्रा बताया कि इन केंद्रो के माध्यम से प्रदेश के बेरोजगार फार्मासिस्टों को रोजगार का मौका दिया जाएगा। बीते दिनों केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल. मंदाविया और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की मौजूदगी में इस संबंध में में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेन्शिव हेल्थ ऐंड इन्टग्रेटिड सर्विसेज और बीपीपीआई. के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है।
ये औषधि केंद्र केवल सरकारी अस्पतालों में चलेंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश को 18 क्लस्टर में बांटा गया है। इनकी बिडिंग करने के इच्छुक व्यक्ति को सभी क्लस्टर के लिए अप्लाई करना होगा लेकिन एक व्यक्ति को अधिकतम दो ही क्लस्टर आवंटित किए जाएंगे। इस दौरान डीजी मेडिकल हेल्थ पदमाकर सिंह ने कहा कि दुकानों पर दवाइयां तो हैं लेकिन उनकी कीमतें अधिक होने के कारण गरीब जनता इन दवाइयों को पैसे के अभाव में खरीदन में असमर्थ रहती है। ऐसे में सरकार की इस कोशिश से गरीबों को काफी लाभ होगा।
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