कांग्रेस की अदिति सिंह (Aditi Singh) के सवाल के जवाब में सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सैद्धांतिक रूप से दो शिफ्टों में ओपीडी शुरू करने पर सहमत है। सीएम से बात हो गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कानपुर ने मंगलवार से शनिवार तक शाम 4 से शाम 6 बजे के बीच विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन इन चिकित्सकों के मानदेय पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। अदिति सिंह ने कहा कि वह दो शिफ्टों में ओपीडी शुरू करने की समय सीमा पूछ रही थीं। कांग्रेस के अजय लल्लू ने कहा कि क्या इसी सरकार के रहते कैबिनेट में प्रस्ताव आ जाएगा? वहीं, बसपा के उमाशंकर सिंह ने जानना चाहा कि क्या दो शिफ्टों में ओपीडी के बावजूद मरीजों को समुचित सुविधाएं दी जा सकेंगी, जिससे उन्हें इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, डॉक्टरों और मरीजों का अनुपात बना रहे, इसलिए नई व्यवस्था की जा रही है। डॉक्टरों की संख्या कम है और हम बढ़ा नहीं पा रहे हैं।
10 पीएचसी और 18 सीएससी की बिल्डिंग तो तैयार, स्टाफ नहीं सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश में दस पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और 18 सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) ऐसे हैं, जिनकी बिल्डिंग बन कर तैयार है, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते यह संचालित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार डॉक्टरों की कमी दूर करने की कोशिश में लगी है। जैसे ही स्टाफ और डॉक्टरों की भर्ती होती है, इन्हें शुरू करवा दिया जाएगा। वह बसपा सदस्य मनोज पाण्डेय के प्रश्न का जवाब दे रहे थे। जब सपा विधायक नरेंद्र वर्मा ने पूछा कि इन्हें कब तक चालू करवा देंगे, मंत्री ने सपा पर कटाक्ष किया कि जब आपकी सरकार ने इनका निर्माण करवाया था, तो फाइल पर इनको चलाने की तिथि नहीं लिखी थी। नेता विपक्ष ने इसका विरोध किया। कहा, सही उत्तर दिया जाए यह अपच है। साथ ही उन्होंने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह नियम 49 के तहत नोटिस देंगे, इस मुद्दे पर चर्चा करवा दें।