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Opinion : यूपी में डेंगू के बीच जीका वायरस की दस्तक, कोरोना के नये डेल्टा वैरिएंट की भी आहट

locationलखनऊPublished: Oct 25, 2021 05:31:08 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Opinion, UP Prasangvash- उत्तर प्रदेश मच्छरजनित बीमारियों ने त्यौहारों का जश्न किया फीका, ऐसे में शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है कि जिले स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं किसी भी बड़े खतरे से निपटने के लिए तैयार रहे। सरकार के साथ-साथ आम लोगों की भी जिम्मेदारी है कि होश में जोश न खोएं

Opinion on zika virus and corona delta variant
Opinion,UP Prasangvash– उत्तर प्रदेश में लोग डेंगू के डंक से बेहाल हैं। इस बीच जीका वायरस की दस्तक ने चिंताएं और बढ़ा दी हैं। केरल के बाद उत्तर प्रदेश के कानुपर में जीका वायरस का पहला केस मिला है। राहत की बात यह है कि अन्य 22 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बड़े खतरे की आहट से स्वास्थ्य महकमा चौकन्ना है। कानपुर सहित कई जिलों में संचारी अभियान और दस्तक अभियान की जांच रफ्तार बढ़ा दी गई है। हैलट अस्पताल में जीका विंग भी बना दी गई है। जीका वायरस मच्छर से फैलता है, इसलिए प्रभावित इलाकों में एंटी लार्वा का छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है। हेल्थ कैंप भी लगाये जा रहे हैं। अस्पतालों में आने वाले मरीजों की विधिवित जांच भी की जा रही है।
जीका वायरस के अलावा इंदौर में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के नये म्यूटेंट एवाई-4 ने भी स्वास्थ्य महमके की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इंदौर में म्यूटेंट एवाई4 के सात मामले में मिले हैं। हालांकि, यूपी में अभी इसके संक्रमण का असर नहीं दिख रहा है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। भारतीय वैज्ञानिकों की टीम इन्साकॉग के अलर्ट के मुताबिक, जिस डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था, वह कहीं गायब नहीं हुआ है, बल्कि अब भी मौजूद है। जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए पुष्टि हुई है कि बीते 55 दिनों में डेल्टा वैरिएंट के मामले 11 गुना बढ़े हैं। इंसाकॉग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, डेल्टा वायरस से निकले एवाई सीरीज के वायरस की संख्या 393 से बढ़कर 4737 पहुंच चुकी है।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियां शुरू हो गई हैं। त्योहारों का सीजन भी आ गया है। ऐसे में न तो किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का होश है और न ही संक्रमित होने का भय। डर है कि पंचायत चुनाव की तरह कहीं यूपी विधानसभा चुनाव भी वायरस का वाहक न बन जाए। क्योंकि प्रदेश में एक ओर जहां डेंगू और बुखार से लोग पीडि़त हैं वहीं, जीका वायरस और डेल्टा वैरिएंट की आहट हलाकान कर रही है। ऐसे में शासन-प्रशासन की जिम्मेदारी है कि जिले स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं किसी भी बड़े खतरे से निपटने के लिए तैयार रहे। सरकार के साथ-साथ आम लोगों की भी जिम्मेदारी है कि होश में जोश न खोएं। त्योहार मनाएं लेकिन सावधानीपूर्वक। रैलियों में जायें तो सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके। त्योहारों के बहाने साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। इस दिवाली पूरे घर-बाहर का कोना-कोना साफ करें, ताकि मच्छरजनित बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सके।
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