
नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडे ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सांप्रदायिक भावना से काम कर रही है। इस सरकार का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। सरकार पूरे उत्तर भारत में साम्प्रदायिकता फैला रही है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी संभल और बहराइच मामलों को विधानसभा में उठाएगी, भाजपा सरकार को बेनकाब करेगी। समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संभल घटना की सच्चाई की जांच और पीड़ित परिवारों से शोक संवेदना प्रकट करने जा रहा था। लेकिन, पुलिस ने जाने की अनुमति नहीं दी। भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए समाजवादी पार्टी के संभल के सांसद पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। जबकि, उस दिन सांसद संभल में नहीं थे।
नेता विरोधी दल ने कहा कि भाजपा संविधान विरोधी काम कर रही है। सरकार संविधान नहीं मानती है। देश जानता है कि 1991 में संसद ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट यानी कि पूजा स्थल कानून पारित किया है। इसमें स्पेशल प्रोविजन बनाया गया। इस कानून के मुताबिक 15 अगस्त 1947 से पहले भारत में जिस भी धर्म का जो पूजा स्थल था उसे किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता है। अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इस कानून में यह भी प्रावधान है कि दूसरे धर्म के कब्जे का सबूत मिलने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि 19 नवंबर 2024 को एक याचिका पर कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना संभल में जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया। उसके बाद भी जामा मस्जिद कमेटी और सबने मिलकर शांतिपूर्ण ढंग से सर्वे कराने में पूरा सहयोग दिया। जब एक बार सर्वे का काम पूरा हो गया, तो दोबारा सर्वे की क्या जरूरत पड़ी? पूरे घटनाक्रम से साबित होता है, संभल में प्रशासन की मंशा ठीक नहीं थी, जानबूझकर घटना कराई गई।
Published on:
26 Nov 2024 09:12 pm
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