मायावती ने कहा कि यूपी सरकार के बजट में बड़े-बड़े दावे और वादे किए गए हैं। वे सभी पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं। उन्होंने सवाल किया कि केन्द्र की तरह यूपी बीजेपी सरकार ऐसे दावे और वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर और विश्वास से परे लगते हैं?
पुराने बोतल में रखे नए पानी जैसा समाजवादी पार्टी ने भी योगी सरकार के बजट को नकारा है। सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने यूपी बजट को पुराने बोतल में रखे नए पानी जैसा बताया है। उन्होंने यूपी बजट को अनुमान पर आधारित बजट बताया है। उन्होंने बजट को दिशाहीन करार देते हुए कहा कि बजट गरीब, किसान, मजलूम, नौजवान और महिला विरोधी है।
कांग्रेस ने बताया बजट को दिशाहीन कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने बजट को दिशाहीन बताया है। उन्होंने कहा कि ये बजट अभिभाषण के सिवा कुछ नहीं है। बजट में किए गए दावे किताबी लगते हैं। योगी सरकार का बजट युवा केंद्रित माना जा रहा है लेकिन असल में इस सरकार ने रोजगार के नाम पर कुछ नहीं किया। सिर्फ योजनाओं के नाम बदलकर अपनी पीठ थपथपाई है। बजट में प्रदेश की जनता के लिए कुछ नहीं है। सिर्फ जनता को गुमराह किया जा रहा है।
बीजेपी ने बताया इसे योगी सरकार का संतुलित बजट बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने योगी सरकार के बजट को संतुलित और अब तक का सबसे अच्छा बजट बताया है। उनका मानना है कि सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखते हुए बजट तैयार किया है। सरकार ने निराश्रित महिलाओं का ख्याल रखा है तो युवाओं को भी बजट में तरजीह दी है।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मंगलवार को योगी सरकार ने 5,12,860.72 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसे प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है। इस बजट में महिलाओं, युवाओं समेत इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधित कई घोषणाएं की गईं।