लखनऊ। 2012 में जनता के द्वारा चुने हुए और निर्वाचित पार्षद, महापौर और चेयरमैन का कार्यकाल खत्म करने के आदेश जारी हो गए हैं। इसके अधिसूचना सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद प्रमुख सचिव कुमार कमलेश ने जारी कर दी है। आदेशों में कहा गया है की शपथ ग्रहण के बाद पहली बैठक की तारिख से कार्यकाल की गिनती की जाएगी। यानी 2012 में चुनाव के बाद जिस तारीख को पहली बैठक हुई थी उसी तारीख को मौजूदा कार्यकाल खत्म होगा। इस क्रम में राजधानी के नगर निगम के पार्षद और मेयर ( कार्यवाहक) का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म होगा। 2012 में पहली बैठक 11 अगस्त को हुई थी। निकायों की कार्यविधि खत्म होने के बाद नगर निगम के नगर आयुक्त और नगर पालिका / पंचायत के अधिशासी अधिकारी को निकायों के कार्य संचालन की ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी। कार्यकारिणी समिति दे सकेगी अपना परामर्श हालाँकि निकाय की कार्यकारिणी समिति नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों को अपना परामर्श दे सकेगी। यह समिति नागरिकों के लिए दी जाने वाली नागरिक सुविधाओं का प्रशिक्षण भी करेगी। लेकिन ऐसा करने के बदले कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को कोई मानदेय भत्ता देय नहीं होगा। नगर पालिका परिषदों / पंचायतों के संबंध में कार्यकाणी समिति का आशय निकाय बोर्ड से होगा। मौजूदा समय में पालिका परिषद और नगर पंचायतों में खातों का संचालन अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। नगर पालिका परिषद पंचायतों के अध्यक्ष ना रहने पर इसमें कोई कठिनाई ना आए इसके लिए नगर पालिका परिषदों/ पंचायतों में खातों का संचालन अधिशासी अधिकारी के अतिरिक्त वहां के लेखा विभाग में कार्यपालिका केंद्रीय सेवा के लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर को अधिकृत किया गया है।