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Organ Donation Day 2017: यूपी वाले नहीं बचाते हैं किसी की जान, अंगदान करने में सबसे पीछे

locationलखनऊPublished: Aug 13, 2017 12:03:00 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Organ Donation Day 2017 अंगदान में यूपी सबसे पीछे, नहीं बचाते किसी की जान 
 
 
 

Organ Donation

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लखनऊ. Organ Donation Day 2017 अंगदान जीवन का सबसे बड़ा दान है। इसके जरिए आप किसी को नया जीवन, नई आशा और नई दिशा दे सकते हैं। आपका ये कदम किसी के चेहरे पर फिर से मुस्कान बिखेर सकता है, किसी की अंधेरी दुनिया को फिर से रौशन कर सकता, लेकिन अफसोस सभी मामलों में आगे रहने वाला अपना यूपी अंगदान में सबसे पीछे है। यहां पिछले तीन साल में अंगदान करने के लिए महज 20 डोनर ही आगे आए हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह जागरूकता की कमी है। प्रदेश में अंगदान का कोई सिस्टम न होने से जरूरतमंदों को अंग नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं जो अंगदान करना चाहते हैं उन्हें भी यह पता नहीं होता है कि वह कहां जाकर अपनी यह इच्छा जताएं। अंगदान के मामले में उत्तर प्रदेश देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है।

वहीं अंगदान के मामले में जानकारी की कमी के चलते अब केंद्र सरकार डोनर के परिवार को शिक्षा अौर स्वास्थ्य अादि में सुविधा देने की तैारी कर रही है, ताकि ब्रेन डे मरीज के अंग किसी जरूरतमंद को मिल सके। सोचने वाली बात ये है कि आम लोगों के साथ डॉक्टरों में भी अंगदान के प्रति जागरूकता का अभाव है, इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में अॉर्गेन एंड टिश्यू टांसप्लांट विषय की पढ़ाई करवाने की सिफारिश की है।

परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 12 राज्यों में वर्ष 2013 में 313, वर्ष 2014 में 411, वर्ष 2015 में 973 तो वर्ष 2015 में 807 डोनर ही मिल पाए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत की स्थिति अंगदान पर बेगद दयनीय है।
जानिए अंगदान कैसे करें

आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ. पीके गुप्ता बताते हैं कि व्यक्ति ब्रेन डेड के बाद उसके शरीर के हर अंग का जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट होना जरूरी है, ताकि अंगों को सुरक्षित रखा जा सके। बॉडी से निकाले गए अंग को विशेष बॉक्स में ट्रांसप्लांट सॉल्यूशन में रखते हैं जिसका टैम्प्रेचर जीरो डिग्री रहता है। तय अवधि में दूसरी बॉडी में ट्रांस्प्लांट करना बेहद जरूरी है।

अंगदान करने का समय


नवजात से 65 वर्ष तक के व्यक्ति जिन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया जाता है, उनके अंगदान कर सकते हैं। 65-70 वर्ष के बीच यदि अंगों में खराबी नहीं है तो ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के अंग कमजोर होने के कारण रिसिपिएंट के शरीर में ट्रांसप्लांट की मनाही होती है।

अंगदान में उत्तर प्रदेश की स्थिति

वर्ष 2013 में किडनी, लिवर, हार्ट व डोनरों की संख्या शून्य रही है। वर्ष 2014 में डोनर -07 , किडनी 14 व लिवर व हार्ट शून्य रही है। वर्ष 2015 में डोनर 04, किडनी 08, लिवर व हार्ट संख्या शून्य रही है।
वर्ष 2016 में डोनर 09 किडनी 16, लिवर 05 व हार्ट संख्या 02 रही है।

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