लखनऊ

अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद की प्रॉपर्टी UP में किसने खरीदी? क्या है PM मोदी के क्षेत्र वाराणसी से रिश्ता- मंत्री का खुलासा

महाराष्ट्र में चल रही ड्रग्स मामले की आंच अब यूपी में भी महसूस होने लगी है. अभी तक ड्रग्स और एनसीबी के अधिकारीयों के बीच चलने वाले संघर्ष में अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री भी कूद गए हैं. उन्होंने डॉन दाउद की संपत्ति खरीदने के मामले में भाजपा से जुडी कई संस्थाओं पर आरोप लगाया है.

लखनऊNov 10, 2021 / 10:18 am

Dinesh Mishra

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी. बहचर्चित ड्रग्स रैकेट में एक नया मोड़ आ गया है. .जिसमें डॉन दाऊद की संपत्ति खरीदने के मामले में अब उत्तर प्रदेश की भी एक संस्था का नाम सामने आया है. जिसमें महाराष्ट्र के मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि उस संस्था से जुड़े लोगों ने वो संपत्ति खरीदी है. मुंबई ड्रग प्रकरण में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों को सनातन संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने सिरे से खारिज कर दिया है।
चेतन राजहंस ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को कोई भी सम्पति सनातन संस्था ने नहीं खरीदी है। इस मामले में अत्यधिक हीन स्तर की राजनीति हो रही है।

चेतन ने कहा कि नवाब मलिक ने स्वयं पर किए गए आरोपों के खुलासे के लिए सत्य न जानते हुए सनातन संस्था के नाम का अनुचित उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि वास्तव में रत्नागिरी के मीडिया में बताया गया है कि दाउद की संपत्ति दिल्ली के अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने खरीदी है।
उन्होंने उस स्थान पर छोटे बच्चों पर संस्कार डालने के लिए ‘सनातन धर्म पाठशाला’ नाम का गुरुकुल आरंभ करने की घोषणा की है। सनातन संस्था और एडवोकेट अजय श्रीवास्तव का कोई भी संबंध नहीं है। संस्था के संदर्भ में इस प्रकार के झूठे आरोप कर नवाब मलिक स्वयं का मजाक न बनाएं।
राजहंस ने कहा कि सनातन संस्था और दाऊद की एकत्रित चर्चा कर समाज में हिन्दू संस्थाओं के विषय में भ्रांति फैलाने का यह षड्यंत्र है। इस प्रकरण में नवाब मलिक को महाराष्ट्र सरकार समझाएगी, ऐसी हमारी अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि मंत्री नवाब मलिक ने संस्था का नाम लेकर महाराष्ट्र के विरोधी दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आरोपों से बचने का प्रयास किया है। उन पर आतंकवादी अपराधियों से सीधे भूमि खरीदने का आरोप लगाया गया है। नवाब मलिक जिस दाऊद की भूमि का उल्लेख कर रहे हैं, वह भूमि केंद्र सरकार द्वारा जब्त कर उसकी नीलामी की गई।

चेतन ने कहा कि अधिवक्ता ने भी वह भूमि सीधे दाऊद से न खरीद कर सरकारी नीलामी के माध्यम से खरीदी है। इसलिए असत्य जानकारी के आधार पर स्वयं का दोष छुपाने का उनका प्रयास विफल हुआ है। इस विषय में संस्था मलिक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगी।
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