scriptजैन मन्दिर में शुरु हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव | Panchakalyanak Pratishtim Festival started in Jain temple | Patrika News

जैन मन्दिर में शुरु हुआ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव

locationलखनऊPublished: Feb 14, 2020 04:09:18 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

प्रवचन-बुद्धि हमेशा साफ रखो- मुनिश्री

  प्रवचन-बुद्धि हमेशा साफ रखो- मुनिश्री

प्रवचन-बुद्धि हमेशा साफ रखो- मुनिश्री

लखनऊ। ट्रांस गोमती दिगम्बर जैन सेवायतन की ओर से कुर्सी रोड गुडम्बा स्थित भगवान आदिनाथ जैन मन्दिर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ शुक्रवार को घट यात्रा के साथ शुरु हुआ। गाजे-बाजे के साथ शुरु हुई कलश यात्रा में 201 महिलाएं पीत वस्त्र धारण करे, सिर पर मंगल कलश रखे प्रभु के जयकारे लगाते हुये चल रही थी। घट यात्रा मन्दिर से शुरु होकर टेढ़ी पुलिया, चार नम्बर चैराहा का भ्रमण करने के बाद मन्दिर पर आकर समाप्त हुई। यात्रा में बैण्ड द्वारा ये री सखी मंगल गाओ री, कलश सजाओं री’’ गीत पर महिलाएं झूम रही थी। यात्रा में सबसे पीछे श्रीजी की पालकी भक्त लेकर चल रहे थे। इससे पूर्व सुबह संस्कार प्रणेता मुनि सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में ध्वजा रोहण, मण्डप उदघाटन, दीप प्रज्वलन हुआ। बाद में यागमण्डल आराधना सम्पन्न हुई।
प्रवचन-बुद्धि हमेशा साफ रखो- मुनिश्री

प्रवचन में मुनि सौरभ सागर जी महाराज ने कहा कि परमात्मा आपके भीतर बैठा है। लेकिन आप बाहर खोज रहे है। क्रोध, माया, मोह को हटाते जाओं परमात्मा तुम्हारे भीतर से प्रकट होगा। बुद्धि हमेशा साफ रखो। परमात्मा जिसको देता है बुद्धि हर लेता है। उन्होंने कहा कि हर पत्थर भगवान बन सकता है लेकिन उसके लिए प्रतिष्ठा और पूजा करने वाला चाहिए। हर शब्द शास्त्र बन सकता है बस लिखने वाला चाहिए। बुद्धिमान लोगों को सचेत करते हुए कहा कि बुद्धि में जब तक भोलापन है तब तक आप श्रेष्ठ है। जिस दिन बुद्धि में भोलापन दूर हुआ उसी दिन से तुम्हे तिकडमबाज कहा जाने लगेगा।शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्वर्ग लोक में इन्द्र सभ, तत्व चर्चा, नगर रचना, रत्नवृष्टि, देवियों द्वारा माता की सेवा और 16 स्वप्न के दर्श

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