पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आरक्षण अधिसूचना जारी करते हुए मीडिया को बताया कि प्रदेश में पुनर्गठन व परिसीमन के बाद 75 जिला पंचायत, 886 क्षेत्र पंचायत व 58, 194 ग्राम पंचायत में वार्ड का गठन हाे चुका है। खास बात यह है कि प्रदेश में वर्ष 1995 से अब तक हुए पांच चुनावों काे ध्यान में रखकर नई आरक्षण नीति लागू की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जो सीटी कभी भी आरक्षित नहीं रही उन्हें इस बार आरक्षण में प्राथमिकता दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में से बागपत और शामली ऐसी जिला पंचायत सीटें है जो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए कभी भी आरक्षित नहीं रही इसलिए इन दाेनाें जिलाें की सीटों काे इस बार अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा। इन दाेनाें सीटाें के अलावा प्रदेश में तीन जिला पंचायतें कुशीनगर, देवरिया और बलिया ऐसी पंचायतें हैं जो कभी पिछड़ा वर्ग के लिए नहीं रही इसी तरह से प्रदेश में सात जिला पंचायते ऐसी हैं जाे कभी महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं रही। इसी काे देखते हुए इस बार आरक्षण नीति इस तरह से तैयार की गई है कि आरक्षण के ये काेरम भी पूरे कर लिए जाएंगे।
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यह भी जानकारी दी है कि 75 जिला पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण और आवंटन शुक्रवार को कर दिया जाएगा। इसके साथ-साथ ब्लाक प्रमुख पदों के लिए जिलेवार आरक्षण घोषित हो जाएगा। निदेशक स्तर पर ग्राम प्रधानों के लिए भी जिलेवार आरक्षण तय हो जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण का सभी को इंतजार था और आरक्षण नीति लागू होने के बाद अब चुनाव की तस्वीर साफ हो जाएगी। इसके बाद गांव की सरकार को लेकर चुनाव प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में तेज हो जाएगी।
आपत्ती के लिए मिलेंगे छह दिन
15 फरवरी तक मध्य जिला पंचायतों का आरक्षण और आवंटन करने के साथ-साथ ब्लाक प्रमुख के पदों के लिए भी आरक्षण जारी हो जाएगा । इसके बाद 20 फरवरी से 2 मार्च तक ग्राम प्रधान और क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्यों के लिए भी आरक्षण तय हो जाएगा। आरक्षण जारी होने के छह दिन तक लोग अपनी आपत्तियां लिखित रूप में दे सकेंगे, उसके बाद 16 मार्च को अंतिम सूची जारी की जाएगी।
यह होगा खाका
इस बार उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों में से 25 जिला पंचायतों की सीट पर महिलाएं बैठेंगी। यह 25 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। इसी तरह 16 सीटें अनुसूचित जाति और 20 सीटें ओबीसी जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सुरक्षित रहेंगी। 27 सीटें अनारक्षित रहेंगी जिन पर कोई भी चुनाव लड़ सकेगा। इसी तरह से 826 ब्लॉक प्रमुखों में से 5 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगी, 171 अनुसूचित जाति और 223 पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित रहेंगी। ग्राम प्रधानों के 58,194 पदों में से 330 पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगे, 12,045 पद अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के लिए 15,712 पद आरक्षित रहेंगी।