कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू बिहार और राजस्थान को भेजे जाने वाले पेरासिटामोल सिरप को यूपी में आपूर्ति करने वाले कंपनी के खिलाफ शासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। लगभग 4 महीने पहले खुलासा हुआ था कि बच्चों की यह सिरप रायबरेली के सरकारी अस्पतालों में बढ़ रही है। एफएसडीए ने जब छापा मारा तो वहां बिहार गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल की 4500 से ज्यादा बोतलें मिलीं। इसके बाद लखनऊ में राजस्थान गवर्नमेंट सप्लाई की 1800 बोतलें मिलीं। सीतापुर, कानपुर देहात में भी एट्रायट फार्मा की सिरप की आपूर्ति की जानकारी मिली।
कंपनी को कारण बताओ नोटिस एफएसडीए की पड़ताल में पता चला कि इस सिरप की 1.5 लाख बोतलें उत्तर प्रदेश में आपूर्ति की गई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस दिया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस बीच एफएसडीए ने जांच के लिए जो नमूने लिए उस में गड़बड़ी पाई गई है। सीतापुर में 14 हजार सिरप की बोतलें मिली थीं। एफएसडीए ने इसका नमूना लेकर गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट आने तक बच्चों को देने पर रोक लगा दी थी। जांच में गड़बड़ी मिलने पर भी कंपनी को नोटिस जारी किया गया है।
अधिकारी नहीं देखते ईमेल स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारी जिलों के CMO और CMS से परेशान हैं। यह महानिदेशालय या CMD से भेजे गए किसी भी ईमेल को न तो देखते हैं और न ही जवाब देते हैं। इस मामले में भी उन्होंने ईमेल का जवाब नहीं दिया। एक अधिकारी ने बताया की हार्ड कॉपी डाक से जाने और जवाब आने में कई दिन लगते हैं। इसीलिए ईमेल किया जाता है। लेकिन उसे अधिकारी देखते ही नहीं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह का कहना है कि समय पर ईमेल न देखने की कुछ शिकायतें आई हैं। अधिकारियों को उसके लिए पत्र भेजा गया है।
अधिकारी कर रहे हैं लापरवाही स्वास्थ विभाग के अधिकारी बच्चों को दी जाने वाली दवा की जांच में लापरवाही बरत रहे हैं। न तो समय पर कार्रवाई होती है और न ही अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों को कोई जानकारी देते हैं। सीतापुर के नमूने की जांच तो करा ली लेकिन स्वास्थ्य विभाग को उसकी रिपोर्ट नहीं भेजी ताकि आगे कार्रवाई हो सके। केंद्रीय औषधि भंडार (CMSD) के पूछने पर उन्हें जांच रिपोर्ट दी गई। इसके बाद CMSD के अधिकारियों मे स्वास्थ्य महानिदेशक को कोई जानकारी नहीं दी। महानिदेशक से पूछा गया तो उन्होंने रिपोर्ट नहीं मिलने की बात कही।
जवाब के बाद होगी कार्रवाई वहीं सीएमएसडी के संयुक्त निदेशक डॉ. रामजी वर्मा ने बताया कि कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है। जवाब के बाद उस पर कार्रवाई की जाएगी। एफएसडीए की रिपोर्ट मिल गई है। उसमें सिरप की पैकिंग में गड़बड़ी पाई गई है।