लखनऊ

आंगनवाड़ी केन्द्रों में शिक्षा व आरोग्य के कार्यक्रम चलाये जाएं -राज्यपाल

राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्र पर खेलकूद, पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री वितरित की

लखनऊJan 08, 2021 / 07:49 pm

Ritesh Singh

बचपन से ही उचित शिक्षा, दीक्षा एवं पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए।

लखनऊः प्रत्येक जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों में शिक्षा एवं आरोग्य के कार्यक्रम चलाये जाने चाहिये। इस कार्य में भारत सरकार एवं राज्य सरकार आर्थिक मदद दे रही है। आवश्यकता है इस कार्य में प्रत्येक गांव के सम्भ्रांत नागरिकों, जनप्रतिनिधियों तथा सम्पन्न वर्ग को जोड़ने की। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज चिनहट विकास खण्ड, लखनऊ के शाहपुर प्राथमिक विद्यालय स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र पर डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा उपलब्ध कराये गये बच्चों को खेलकूद एवं पठन सामग्री तथा गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार वितरण के लिये आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। बड़े होकर ये ही देश के सजग प्रहरी बनेंगे। इसलिए इन्हें बचपन से ही उचित शिक्षा, दीक्षा एवं पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में दी जाने वाली सामग्री डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से सम्बद्ध 26 इंजीनियरिंग कालेजों के सहयोग से प्राप्त की गयी है, जिसका वितरण आज किया जा रहा है। आज के दिन 40 आंगनवाड़ी केन्द्रों को खेलकूद, पठन-पाठन एवं पौष्टिक आहार वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों में खिलौनों के प्रति आकर्षण होता है। अतः वे खेल-खेल में पढ़ना सीखेंगे तथा प्रेरक कहानियों के माध्यम से उन्हें शिक्षा व संस्कार दोनों प्राप्त होंगे।
आनंदीबेन पटेल ने अभिभावकों से कहा कि वे घर पर ऐसे कोई भी कार्य न करें, जो बच्चे की गलत आदत का कारण बनें। बच्चों में ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। जैसा आचरण आप करेंगे बच्चे उसी से सीखेंगे। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चों में नशे की प्रकृति भी बढ़ रही है। हमें अपने बच्चे की गतिविधियों पर भी ध्यान देना चाहिये अन्यथा कुसंगति में पड़कर उनका भविष्य खराब हो सकता है। इसी प्रकार बच्चियों, किशोरियों तथा गर्भवती महिलाओं के लिये भी खान-पान व शिक्षा-दीक्षा में किसी भी प्रकार से भेदभाव नहीं करना चाहिये।
बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं हैं। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं के लिये सरकार द्वारा दिये जा रहे 5000 रूपये की जानकारी लेते रहें। ये धनराशि फल एवं पौष्टिक आहार के क्रय में लगनी चाहिये। यदि जच्चा स्वस्थ हो तो बच्चा भी स्वस्थ पैदा होगा। राज्यपाल ने कहा कि गर्भकाल में उचित पोषण न मिलने के कारण ही कुपोषित बच्चे पैदा होते हैं। राज्यपाल ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि उन्हें गर्भवती एवं बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए तैयार किया जा सके।
राज्यपाल ने जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामवासियों से अपील की कि वे अपने गांव के आंगनवाड़ी केन्द्र व प्राथमिक विद्यालय को सरकारी नहीं बल्कि अपना समझें क्योकि यहां पर आपके अपने गांव के बच्चों को ही स्वस्थ, शिक्षित एवं संस्कारवान बनाने का कार्य किया जाता है। इसलिए अनिवार्य रूप से अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें तथा अपना सक्रिय योगदान भी दें। उन्होंने कहा कि जन्मदिन पर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर फल एवं मिठाई वितरण कर जन्मदिन को यादगार बनाये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार ने बताया कि जनपद में तीन चरणों में ये सामग्री 140 केन्द्रों में वितरित की जायेगी। जिसका शुभारम्भ आज हो गया है। प्रथम एवं द्वितीय चरण में 40-40 केन्द्र तथा तृतीय चरण में 60 केन्द्र पर खेलकूद, पठन-पाठन तथा पौष्टिक आहार का वितरण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आज चिनहट के शाहपुर, सरोजनी नगर के विरूरा, गोसाईगंज के माढरमऊ कला, बी0के0टी0 के सोनवां, मोहनलालगंज के लालपुर, मलीहाबाद के मुजासा-2, काकोरी के दसदोई तथा माल विकास खण्ड के गुम सेना में उक्त सामग्री का वितरण किया गया।

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