scriptअब कम नंबर आने पर भी पास होंगे | passing marks in exam to be reduced from 40 to 35 percent | Patrika News

अब कम नंबर आने पर भी पास होंगे

locationलखनऊPublished: Nov 29, 2017 04:40:26 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

बोर्ड ने नौवीं क्लास से इंटरमीडियट तक उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम अंकों की जरूरत को कम कर दिया है।

passing marks
लखनऊ. कांवेंट स्कूलों के छात्रों के लिए अच्छी खबर। अब नंबर कम मिलने पर फेल होने का टेंशन कम हुआ। बोर्ड ने नौवीं क्लास से इंटरमीडियट तक उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम अंकों की जरूरत को कम कर दिया है। अब हाईस्कूल के छात्र सिर्फ 33 फीसदी नंबर हासिल करने पर पास होंगे, जबकि इंटरमीडियट के छात्रों को 40 के बजाय सिर्फ 35 प्रतिशत अंकों का इंतजाम करना होगा। आईसीएससी बोर्ड ने 2019 से ये फैसला लागू करने का निर्णय लिया है। आईसीएससी बोर्ड के इस निर्णय को लखनऊ के शिक्षकों और विघार्थियों ने सराहा है।
जानकार मानते हैं कि अधिक नंबर लाने के दबाव से बच्चों पर परीक्षा का बोझ बना रहता है। कई ऐसे बच्चे होते हैं, जो 40 मार्क्स से सिर्फ एक या दो नंबर पीछे रह जाते हैं। ऐसे में उनमें निराशा की स्थिती बनी रहती है। कई बार ऐसा भी सुनने को मिलता है कि कम अंक की वजह से बच्चे सुसाइड कर लेते हैं।
न्यूनतम मार्कस के लिए लिया ये फैसला

इंटर बोर्ड वर्किंग ग्रुप (आईबीडब्ल्जी) की ओर से लाए गए इस बदलाव का कारण है कि देश में सारे बोर्ड में एक ही न्यूनतम माार्क्स होना चाहिए। सिर्फ हाईस्इंकूल और इंटरमीडियट में ही नहीं बल्कि आंतरिक परीक्षा में भी ये बदलाव किया जाना है।
लखनऊ की सेंट थेरेसा कॉलेज की प्रिंसिपल गितीका कपूर का कहना है कि ”बोर्ड का ये फैसला बच्चों के भविष्य की दिशा में सही फैसला है। कुछ अंको से पीछे रह जाने की वजह से बच्चे मानसिक तनाव क्यों झेलें। न्यूनतम अंकों को 40 की बजाय 33 और 35 फीसदी करना सही फैसला है। अगर देखा जाए, तो लिटरेट इंडिया के विकास में ये एक अच्छा कदम है”।
बोर्ड का ये फैसला उन बच्चों के लिए राहत की सांस लेने वाली खबर है, जो सिर्फ एक या दो नंबर से पीछे रह जाते हैं। परीक्षा में आए नंबर को लेकर तनाव इससे कम होगा।

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