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अभयारण्य में आकर्षण का केन्द्र बनी काले नर हरिणों की कॉलोनी

locationलखनऊPublished: Feb 09, 2017 11:43:00 am

Submitted by:

Rakesh gotam

करीब आठ सौ हैक्टेयर क्षेत्र में फैले विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभयारण्य में काले हरिणों की नर कॉलोनी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।

करीब आठ सौ हैक्टेयर क्षेत्र में फैले विश्व विख्यात ताल छापर कृष्ण मृग अभयारण्य में काले हरिणों की नर कॉलोनी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। अभयारण्य के अंदर 50 हैक्टेयर भूमि पर किसी भी प्रकार की कोई घास नहीं उगती। यहां सिर्फ काले नर हरिणों का कुनबा रहता है। ये कॉलोनी से समूह में निकलते हैं और समूह में वापस आ जाते हैं।


स्वयंवर स्थली के नाम से पहचान…

सहायक वन संरक्षक सूरतसिंह पूनिया बताते हैं कि उक्त कॉलोनी को स्वयंवर स्थली के नाम से भी जाना जाता है। कॉलोनी में मादा हरिण के आते ही नर हरिण आपस में लडऩे लगते हैं। लड़ाई इतनी जबरदस्त होती है कि कुछ तो घायल होकर भाग जाते हैं और कुछ देखकर भाग जाते हैं। मादा हरिण के पास केवल ताकतवर हरिण ही रहता है। मादा हरिण के जाने के बाद काले हरिण दुबारा कॉलोनी में आ जाते हैं।

दुश्मनों पर भी रखते हैं नजर


कॉलोनी में बैठे सैकड़ों की संख्या में हरिणों की निगरानी करने के लिए कुछ हरिण अलग-अलग दिशा में मुंह कर बैठे रहते हैं। जो जंगली जानवरों आदि पर नजर रखते हैं।
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