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-पेट्रोल पम्पों पर चोरी की घटना के बाद शासन सख्त, कार्रवाई के दिए निर्देश

locationलखनऊPublished: May 19, 2019 02:46:48 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

पंपों पर ग्राहकों को कम मात्रा में पेट्रोल अौर डीजल देने की शिकायत आई है

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सावधान! पेट्रोल पम्पों को लेकर फिर आई बड़ी खबर,फिर बंद होंगे पम्प…होने जा रहा ये काम

लखनऊ. दो साल पहले पेट्रोल पंपों में चिप से तेल चोरी करने की घटना के बाद एक बार फिर सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ करके पेट्रोल-डीजल में गड़बड़ी का खेल शुरू हो गया है। इसके तहत प्रशासन ने पम्पों के खिलाफ जांच और कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए है। पंपों पर ग्राहकों को कम मात्रा में पेट्रोल अौर डीजल देने की शिकायत आई है। हापुड़ में यह मामला पकड़े जाने के बाद लीगल मेट्रोलॉजी विभाग ने प्रदेश के सभी पंपों की मशीनों की जांच के निर्देश दिए हैं। लीगल मेट्रोलॉजी विभाग के राज्य नियंत्रक सुनील वर्मा के मुताबिक पेट्रोल पंपों पर सॉफ्टवेयर टेंपर‍िंंग से तेल चोरी का मामला सामने आने के बाद से पूरे प्रदेश के पंपों की जांच का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही बाट माप विभाग और आईओसी, एचपी के अधिकारियों, आईटी व लीगल सेल की टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें राजधानी समेत, बाराबंकी और आसपास के इलाकों के पेट्रोल पंपों में जांच करेंगी। बांट और माप विभाग को पेट्रोल और डीजल चोरी का ये खेल लखनऊ, बाराबंकी, मुजफ्फरनगर सहित अन्य कई जिलों में चलने की जानकारी मिली है।
ऐसे पकड़ा गया पूरा मामला

लखनऊ में बांट माप विभाग को सूचना मिली थी कि राज्य के कई हिस्सों में पेट्रोल पंपों में पेट्रोल डालने वाली मशीन के साफ्टवेयर की टेंपरिंग कर तेल चोरी किया जा रहा है। जांच के लिए एक टीम हापुड़ के पेट्रोल पंप पर पहुंची। टीम ने पेट्रोल पंप मालिक को विश्वास में लेकर गिरोह के सदस्यों को बुलाया। जांच टीम के सदस्यों के लिए भी बताया गया कि इनका पेट्रोल पंप है और सॉफ्टवेयर खरीदना है। जिसके बाद उन्होंने उसी पेट्रोल पंप पर डेमो दे दिया। जिससे दोनों इंजीनियर पकड़ गए।
लखनऊ में ५१ पेट्रोल पंप किए गए थे बंद

लखनऊ में करीब 202 पेट्रोल पंप हैं। 2016 को 27 अप्रैल को एसटीएफ ने पेट्रोल पंपों पर चिप लगाकर घटतौली का मामला पकड़ा इसके बाद 51 पंपों को बंद किया गया था। इनमें से 27 आईओसीएल, 12 एचपीसीएल, 10 बीपीसीएल और 2 एस्सार कंपनी के हैं। इनमें रिमोट द्वारा गड़बड़ी के आरोप लगे थे।
तेल कंपनियों के राज्य समन्वयक एके गंजू के मुताबिक आईओसी की ओर से आईटी सेल, लीगल सेल व अधिकारियों की टीमों ने जांच शुरू कर दी है। पश्चिमी यूपी के साथ ही लखनऊ, आसपास के जिलों में भी जांच की जा रही है। दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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