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फूलपुर की हार भाजपा ही नहीं केशव प्रसाद मौर्य की भी हार है!

locationलखनऊPublished: Mar 14, 2018 05:51:08 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

२०१४ में केशव प्रसाद मौर्य ने यहां से रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी।
 

Phoolpur defeat of BJP
लखनऊ. जब केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तो उनके नेतृत्व में पार्टी ने २०१७ के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज की थी। लेकिन एक साल के भीतर ही ऐसा क्या हो गया कि उसी केशव के गढ़ फूलपुर में जहां से वे २०१४ में लोकसभा सांसद का चुनाव रिकार्ड मतों से जीते थे और वहीं उनके इस्तीफे से खाली हुई इसी सीट पर जब चुनाव हुआ तो वे अपनी सीट पर चुनाव नहीं जीता सके।
सपा और बसपा का साथ आना भारी पड़ा है
सूत्रों की मानें तो इस हार का कारण पार्टी और संगठन में तालमेल का न होना माना जा सकता है। वहीं सपा और बसपा का एक साथ आना भी भाजपा के लिए भारी पड़ा है।अब केशव प्रसाद मौर्य से केंद्रीय नेतृत्व और पीएम मोदी जरूर हार के कारण जानना चाहेंगे। अब जो भी हो हार तो हार ही होती है। जिस सीट पर केशव प्रसाद मौर्य ने 2014 में चार लाख से भी अधिक मतों से जीत दर्ज की थी आज वही फूलपुर की सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
आखिर क्यों हार गई भाजपा
फूलपुर में भाजपा की हार का प्रमुख कारण वहां प्रत्याशी का बाहर का होना बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यहां प्रत्याशी बाहर से लाकर चुनाव लड़ाना भाजपा के लिए काफी महंगा साबित हुआ, अगर प्रत्याशी स्थानीय रहता या लड़ा होता तो इस सीट पर भाजपा को हार का सामना नहीं करना पड़ता।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी

बाहर का प्रत्याशी खड़ा करने से स्थानीय कार्यकर्ता उस तरह से उनका सपोर्ट नहीं कर सके जैसा कि लोकल होने पर करते। जो भी हो सपा ने यहां से जीत का परचम लहराया है। यहां भाजपा की हार केवल भाजपा की हार नहीं है यह हार यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की है।

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