सपा और बसपा का साथ आना भारी पड़ा है
सूत्रों की मानें तो इस हार का कारण पार्टी और संगठन में तालमेल का न होना माना जा सकता है। वहीं सपा और बसपा का एक साथ आना भी भाजपा के लिए भारी पड़ा है।अब केशव प्रसाद मौर्य से केंद्रीय नेतृत्व और पीएम मोदी जरूर हार के कारण जानना चाहेंगे। अब जो भी हो हार तो हार ही होती है। जिस सीट पर केशव प्रसाद मौर्य ने 2014 में चार लाख से भी अधिक मतों से जीत दर्ज की थी आज वही फूलपुर की सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
सूत्रों की मानें तो इस हार का कारण पार्टी और संगठन में तालमेल का न होना माना जा सकता है। वहीं सपा और बसपा का एक साथ आना भी भाजपा के लिए भारी पड़ा है।अब केशव प्रसाद मौर्य से केंद्रीय नेतृत्व और पीएम मोदी जरूर हार के कारण जानना चाहेंगे। अब जो भी हो हार तो हार ही होती है। जिस सीट पर केशव प्रसाद मौर्य ने 2014 में चार लाख से भी अधिक मतों से जीत दर्ज की थी आज वही फूलपुर की सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
आखिर क्यों हार गई भाजपा
फूलपुर में भाजपा की हार का प्रमुख कारण वहां प्रत्याशी का बाहर का होना बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यहां प्रत्याशी बाहर से लाकर चुनाव लड़ाना भाजपा के लिए काफी महंगा साबित हुआ, अगर प्रत्याशी स्थानीय रहता या लड़ा होता तो इस सीट पर भाजपा को हार का सामना नहीं करना पड़ता।
फूलपुर में भाजपा की हार का प्रमुख कारण वहां प्रत्याशी का बाहर का होना बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यहां प्रत्याशी बाहर से लाकर चुनाव लड़ाना भाजपा के लिए काफी महंगा साबित हुआ, अगर प्रत्याशी स्थानीय रहता या लड़ा होता तो इस सीट पर भाजपा को हार का सामना नहीं करना पड़ता।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी बाहर का प्रत्याशी खड़ा करने से स्थानीय कार्यकर्ता उस तरह से उनका सपोर्ट नहीं कर सके जैसा कि लोकल होने पर करते। जो भी हो सपा ने यहां से जीत का परचम लहराया है। यहां भाजपा की हार केवल भाजपा की हार नहीं है यह हार यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की है।