कोटा शहर में शराब की बिक्री कम होने से नाराज आबकारी आयुक्त ओपी यादव ने तीन फरवरी को सभी निरीक्षकों और प्रहराधिकारियों को पैदल कर दिया था। इन अधिकारियों को दिए गए वाहन तत्काल प्रभाव से छीनने का आदेश आया तो आबकारी विभाग में हड़कंप मच गया।
हालांकि बाद में इन लोगों को इस शर्त पर सरकारी वाहन उपलब्ध करवाए गए कि वह फरवरी महीने में शराब की ज्यादा से ज्यादा बिक्री करवाएंगे और शतप्रतिशत तय लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा। हालांकि महीने के मध्य में जब समीक्षा हुई तो परिणाम संतोषजनक नहीं मिले।
जिसके बाद आबकारी आयुक्त ने मंगलवार को नए सिरे से फरमान जारी किया कि यदि इस महीने लक्ष्य के मुताबिक शराब नहीं बिकी तो निरीक्षकों और प्रहराधिकारियों से सरकारी वाहन छीनकर उन्हें स्थाई रूप से पैदल कर दिया जाएगा।
ठेकेदारों पर बना रहे दबाव आबकारी आयुक्त का आदेश मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया और निरीक्षकों ने ठेकेदारों को फोन खटखटाने शुरू कर दिए। शराब की बिक्री बढ़ाने का दबाव पड़ा तो ठेकेदारों ने भी दुकान के अंदर बिठाकर पिलाने की शर्त रख दी। सूत्रों के मुताबिक निरीक्षकों ने मौखिक तौर पर इसकी इजाजत दे दी है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि पिछले साल चार करोड़ रुपए की कीमत की एक लाख तीन हजार बल्क लीटर शराब बिकी थी। इस बार बिक्री लक्ष्य दस फीसदी बढ़ा दिया है। इसलिए अधिकारी बिक्री बढ़ाने के रास्ते तलाश रहे हैं।