केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर रमाकांत बताते हैं कि बवासीर दो प्रकार के होते है। खूनी अौर बादी। खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नही होती है केवल खून आता है। पहले पखाने में लगके, फिर टपक के, फिर पिचकारी की तरह से सिर्फ खून आने लगता है। इसके अन्दर मस्सा होता है। जो कि अन्दर की तरफ होता है फिर बाद में बाहर आने लगता है। वहीं बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है। कब्ज बना रहता है। गैस बनती है। बवासीर की वजह से पेट बराबर खराब रहता है। न कि पेट गड़बड़ की वजह से बवासीर होती है।
हम आपको इसके उपचार के लिए बेहतरीन ऐसे घरेलु नुस्खे बता रहें हैं जो आजमाए हुए हैं और बेहद सफल है.. – जीरे का लेप अर्श पर करने से एवं 2 से 5 ग्राम जीरा उतने ही घी-शक्कर के साथ खाने से एवं गर्म आहार का सेवन बंद करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
-बड़ के दूध के सेवन से रक्तप्रदर व खूनी बवासीर का रक्तस्राव बन्द होता है। -अनार के छिलके का चूर्ण नागकेशर के साथ मिलाकर देने से अर्श (बवासीर) का रक्तस्राव बंद होता है।
-दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दे। सवेरे के भगोये दो अंजीर शाम चार-पांच बजे खाएं। एक घंटा आगे पीछे कुछ न लें। आठ दस दिन के सेवन से बादी और खुनी हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है।
– बवासीर को जड़ से दूर करने के लिए और पुन: न होने के लिए छाछ सर्वोत्तम है। दोपहर के भोजन के बाद छाछ में डेढ़ ग्राम ( चौथाई चम्मच ) पीसी हुई अजवायन और एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है और नष्ट हुए बवासीर के मस्से पुन: उत्प्न्न नहीं होते।
बवासीर में क्या खाये -करेले का रस, लस्सी, पानी।
-दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी।
-खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है।
-फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये।
-सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर, तुरई, जिमीकंद, मूली खाये।
-दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी।
-खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है।
-फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये।
-सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर, तुरई, जिमीकंद, मूली खाये।