Pitru Paksha का महत्त्व
पंडित पवन शास्त्री ने कहाकि ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को प्रसन्न करने से पहले मनुष्य को अपने पितरों यानि पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार भी Pitru दोष को सबसे जटिल कुंडली दोषों में से एक माना जाता है। पितरों की शांति के लिए हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक के काल को Pitru Paksha श्राद्ध होते हैं। उन्होंने कहाकि इस दौरान कुछ समय के लिए यमराज पितरों को आजाद कर देते हैं ताकि वह अपने परिजनों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें और फिर मिल कर वापस आ जाए।Pitru Paksha Shradh की महत्वपूर्ण तारीख़े
13 September शुक्रवार प्रोष्ठपदी,पूर्णिमा श्राद्ध14 September शनिवार प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध
15 September रविवार द्वितीया तिथि का श्राद्ध
17 September मंगलवार तृतीया तिथि का श्राद्ध
18 September बुधवार चतुर्थी तिथि का श्राद्ध
19 Septemberबृहस्पतिवार पंचमी तिथि का श्राद्ध
20 September शुक्रवार षष्ठी तिथि का श्राद्ध
21 September शनिवार सप्तमी तिथि का श्राद्ध
22 September रविवार अष्टमी तिथि का श्राद्ध
23 September सोमवार नवमी तिथि का श्राद्ध
24 September मंगलवार दशमी तिथि का श्राद्ध
25 September बुधवार एकादशी का श्राद्ध,द्वादशी तिथि,संन्यासियों का श्राद्ध
26 September बृहस्पतिवार त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध
27 September शुक्रवार चतुर्दशी का श्राद्ध
28 September शनिवार अमावस्या व सर्वपितृ श्राद्ध
29 अक्तूबर रविवार नाना व नानी का श्राद्ध