पीएम मोदी ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है कि योगी के नेतृत्व में जिस तरह आपदा को अवसर में बदला गया, जिस तरह योगी और उनकी टीम जी जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। मुझे उम्मीद है अन्य राज्य भी अपने यहां ऐसी योजनाएं लेकर आएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, श्रम की ताकत सब जानते हैं। यह ही शक्ति का आधार है। श्रमिकों के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया। इसी अभियान से प्रेरित होकर योगी सरकार ने आत्मनिर्भर उप्र रोजगार अभियान को शुरू किया। और गुणात्मक एवं संख्यात्मक दोनों ही तरीकों से इसे विस्तार दिया। उन्होंने कहा संकट के समय जो साहस दिखाता है, सूझ-बूझ दिखाता है, सफलता उसी को मिलती है। उत्तर प्रदेश ने जो साहस और सूझ-बूझ दिखायी, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वह अभूतपूर्व और प्रशंसनीय है।
24 करोड़ नागरिकों की सराहना मोदी ने कहा, मैं उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ नागरिकों की सराहना करता हूं। आपने जो काम किया है, वह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है। आप सबने मिलकर यूपी को जिस मुश्किल स्थिति में संभाला है, आने वाले अनेक वर्षो तक उत्तर प्रदेश का हर बच्चा, हर परिवार इसको बड़े गर्वपूर्वक याद रखेगा। आने वाली पीढिय़ां याद रखेंगी। उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां इसलिए विराट हैं क्योंकि यह सिर्फ एक राज्य भर नहीं है। अगर 24 करोड़ की जनता की बात करें तो उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश ने बड़ी सिद्धि प्राप्त की है। यूरोप के चार बड़े देश इंगलैंड, फ्रांस, इटली और स्पेन की कुल जनसंख्या जोड़ दें तो वह भी उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ की जनसंख्या के बराबर होगी। कोरोना महामारी में इन चार देशों में कुल मिलाकर एक लाख 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि उतनी ही जनसंख्या वाले हमारे उत्तर प्रदेश में 600 लोगों की जान गयी। जबकि यह देश विकसित हैं, उनके पास संसाधन भी हैं लेकिन फिर भी अपने नागरिकों को बचाने में उन्हें वह सफलता नहीं मिली जो सफलता उत्तर प्रदेश को मिली। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास क्या नहीं है, सब कुछ है। साधन, संसाधन, आधुनिक टेक्नालाजी। फिर भी आज अमेरिका कोरोना से बहुत बुरी तरह प्रभावित है। प्रधानमंत्री ने कहा, अगर योगी जी ने और उत्तर प्रदेश के उनके सभी साथियों ने, उत्तर प्रदेश सरकार ने सही से तैयारी नहीं की होती, तो आज उत्तर प्रदेश में 600 नहीं, 85 हजार लोगों की जान जा सकती थी। उन्होंने कहा, यूपी की सरकार ने मेहनत करके कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचा लिया है।
श्रमिकों को संकट से उबारा देश भर से करीब 30—35 लाख प्रवासी कामगार और श्रमिक यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे। सैकड़ों श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलवा कर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने लोगों को वापस बुलवा लिया। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आये साथियों से संक्रमण का जोखिम और भी अधिक है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने जिस तरह स्थिति को संवेदनशीलता के साथ संभाला, उसने राज्य को एक बडे संकट से बाहर निकाल लिया. देश की भी बहुत बड़ी सेवा उत्तर प्रदेश ने की है।
छह जिलों से भी किया संवाद मोदी ने प्रदेश के छह जिलों के ग्रामीणों से संवाद भी किया। राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण साझा सेवा केन्द्र और कृषि विज्ञान केन्द्रों के जरिए इस अभियान के शुभारंभ के साक्षी बने।
उप्र श्रमिकों को रोजगार देने की सभी संभावनाएं:योगी इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से वापस लौटे श्रमिकों और कामगारों को रोजगार के पर्याप्त अवसर देने की सभी संभावनाएं मौजूद हैं। मैं आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश में इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में हमें कामयाबी मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट के दौर में देश में कामगारों और श्रमिकों के लिये जिन योजनाओं को आगे बढ़ाने का मार्गदर्शन दिया था, उसी क्रम में आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के तहत प्रदेश के कामगारों और श्रमिकों के लिये इस योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। इसके तहत सवा करोड़ से अधिक कामगारों और श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन और स्वरोजगार दिया जा रहा है। यूपी में 30 लाख 47 हजार कामगारों और श्रमिकों का कुशलता से स्किल मैपिंग कार्य सम्पन्न हुआ। प्रदेश में अनलॉक के बाद सात लाख 80 हजार एमएसएमई को फिर से शुरू करने में कामयाबी मिली। आत्मनिर्भर भारत के तहत पहले चरण में 57 हजार इकाइयों को 2002 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है।