ODF घोषित करने को लेकर हो रहा बड़ा गोरखधंधा
बक्शीे का तालाब विकासखंड के गांव रेवामऊ गांव को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। लेकिन सांसद कौशल किशोर के निरीक्षण के दौरान गांव में कई सारी अनियमितताएं देखने को मिलीं। इसी गांव के निवासी हंसराज सिंह गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। इन्हेंं झोपडी़ में शौंचालय तो दिया गया परंतु उसमें शीट व छत नहीं पड़ी है। इसी तरह मोहन रावत को न ही अवास मिला है और न ही शौंचालय मिला है। ग्रामीणों से बात करने पर पता चला की आज भी गांव के 25 प्रतिशत लोग खुले में शौंच करते हैं। जमीनी हकिकत जानने के बाद पता चलता है कि बक्शी का तालाब क्षेत्र के खंड विकास अधिकारी व पंचायत सीक्रेटरी ने गलत रिपोर्ट लगाकर सरकार को गुमराह किया है।
ODF घोषित होने का यह है नियम
सांसद कौशल किशोर ने बताया कि ग्राम पंचायत या एक गाँव तब तक खुले में शौच से मुक्त नहीं मानी जाती जब तक गाँव का एक-एक व्यक्ति शौचालय का प्रयोग नहीं करने लगे। अगर उस गाँव का 6 महीने का बच्चा भी शौचालय का प्रयोग नहीं कर रहा है, तो गाँव खुले में शौच से मुक्त नहीं माना जायेगा। किसी भी ग्राम पंचायत का शत प्रतिशत शौचालय का प्रयोग उस ग्राम पंचायत से मुक्त माना जायेगा। ऐसी ग्राम पंचायतों को ODF घोषित किया जाता है।