लखनऊ

पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को जिम्मेदारों का ठेंगा, ओडीएफ घोषित करने का खुला फर्जीवाड़ा

स्वच्छ भारत मिशन पर फर्जीवाड़े की आंच, गांवों को ओडीएफ घोषित करने का फर्जी खेल।

लखनऊFeb 05, 2018 / 08:34 pm

Dhirendra Singh

ODF

लखनऊ. ओडीएफ का मतलब है खुले से शौच मुक्त, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो अक्टूबर 2014 को राजघाट से की थी। इस मिशन को पूरा करने का लक्ष्य राष्ट्रपिता के 150वीं पुण्यतिथि यानी 2 अक्टूबर 2019 तक का रखा गया है। इसी मिशन हकीकत का पता करने मंगलवार को मोहनलाल गंज के सांसद व उत्तश प्रदेश अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्य‍क्ष कौशल किशोर ने बक्शीे का तालाब वि‍कासखंड के गांव रेवामऊ का निरीक्षण किया। लेकिन यहां चौकाने वाली स्थिति देखने को मिली।

ODF घोषित करने को लेकर हो रहा बड़ा गोरखधंधा
बक्शीे का तालाब वि‍कासखंड के गांव रेवामऊ गांव को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। लेकिन सांसद कौशल किशोर के निरीक्षण के दौरान गांव में कई सारी अनियमितताएं देखने को मिलीं। इसी गांव के निवासी हंसराज सिंह गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। इन्हेंं झोपडी़ में शौंचालय तो दिया गया परंतु उसमें शीट व छत नहीं पड़ी है। इसी तरह मोहन रावत को न ही अवास मिला है और न ही शौंचालय मिला है। ग्रामीणों से बात करने पर पता चला की आज भी गांव के 25 प्रतिशत लोग खुले में शौंच करते हैं। जमीनी हकिकत जानने के बाद पता चलता है कि बक्शी का तालाब क्षेत्र के खंड विकास अधिकारी व पंचायत सीक्रेटरी ने गलत रिपोर्ट लगाकर सरकार को गुमराह किया है।

ODF घोषित होने का यह है नियम
सांसद कौशल किशोर ने बताया कि ग्राम पंचायत या एक गाँव तब तक खुले में शौच से मुक्त नहीं मानी जाती जब तक गाँव का एक-एक व्यक्ति शौचालय का प्रयोग नहीं करने लगे। अगर उस गाँव का 6 महीने का बच्चा भी शौचालय का प्रयोग नहीं कर रहा है, तो गाँव खुले में शौच से मुक्त नहीं माना जायेगा। किसी भी ग्राम पंचायत का शत प्रतिशत शौचालय का प्रयोग उस ग्राम पंचायत से मुक्त माना जायेगा। ऐसी ग्राम पंचायतों को ODF घोषित किया जाता है।

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