पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से पहले ही उसको लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। जहां समाजवादी पार्टी इसको अपना क्रेडिट बता रही है तो वहीं भाजपा इस पर अपना क्रेडिट लेना चाह रही है। पीएम नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के मंदुरी हवाई पट्टी पर शिलान्यास करने जा रहे हैं।
30 महीने से कम समय में बनकर हो जाएगा तैयार
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम ९४ प्रतिश पूरा हो चुका है। इसे तीस महीने से कम समय में पूरा कर लिया जाएगा। यह एक्सप्रेस वे पूर्वी यूपी के विकास का लाइफ-लाइन होगा। सीएम ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर कई खूबियों वाला औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान समय में इस एक्सप्रेस-वे की अनुमानित धनराशी 11836.02 करोड़ रुपए है, जब कि सपा सरकार में इससे २१ सौ करोड़ रुपए अधिक थी। ये रुपए बाद में सपा नेताओं के जेब में जाने थे।
रोजगार के अवसर भी मिलेंगे
अब यह एक्सप्रेस-वे योगी गवर्नमेंट का ड्रिम प्रोजेक्ट है। इस एक्सप्रेस-वे से लखनऊ से गाजीपुर तक का सफर आसानी से तय किया जा सकेगा। लखनऊ से गाजीपुर तक बनने वाला यह पूर्वांचल एक्सप्रेस को देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी योगी सरकार कर रही है। कुल 353 किलोमीटर लंबे इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर करीब 25 हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इसके बन जाने से पूर्वांचल के जिलों की आपस में कनेक्टिविटी हो जाएगी साथ ही साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
इन शहरों से होकर गुजरेगा योगी का यह ड्रिम एक्सप्रेस-वे लखनऊ से शुरू होगा और गाजीपुर जाकर समाप्त हो जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा।
अभी छह लेन का होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अभी छह लेन का होगा, जिसे बाद में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसके बन जाने से लखनऊ से गाजीपुर का 353 किलोमीटर का सफर केवल चार घंटे में तय किया जा सकता है। ऐसा मानाा जा रहा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अयोध्या, इलाहाबाद, वाराणसी और गोरखपुर से लिंक रोड से जोड़ा जाएगा। लिंक रोड का निर्माण यूपी का लोकनिर्माण विभाग कर सकता है। करीब ढाई साल में इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है।