नौ मेडिकल कॉलेजों का होगा लोकार्पण
दरअसल उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज का है। कोरोना वायरस संक्रमण के पहले तथा दूसरे चरण में तमाम तरह की बंदिशों के बीच में भी प्रदेश के विकास का काम चलता रहा। इसी का नतीजा है कि नौ जिलों में मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं। यह नौ नए मेडिकल कॉलेज शुरू होने से उत्तर प्रदेश में अब कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 48 हो जाएगी। प्रधानमंत्री सिद्धार्थनगर से प्रदेश के जिन नौ जनपदों के मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करेंगे, उनमें देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थ नगर, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर भी शामिल हैं। इसमें सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण पीएम मोदी फिजिकली करेंगे, जबकि अन्य आठ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण वचुर्अली करेंगे। नौ मेडिकल कॉलेजों का एक साथ लोकार्पण प्रदेश के इतिहास में अभूतपूर्व अवसर होगा। इसके साथ ही 13 और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है। जल्द ही 13 और मेडिकल कॉलेज भी इस सूची में जुड़ जाएंगे।
इनके नाम पर होगा मोडिकल कॉलेज
सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय मेडिकल कॉलेज होगा, तो मीरजापुर में मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां विंध्यवासिनी के नाम पर होगा। गाजीपुर के संस्थान को महर्षि विश्वामित्र के नाम से जाना जाएगा। देवरिया में देवरहा बाबा के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनाया गया है। एटा में मेडिकल कॉलेज का नाम वीरांगना अवन्तीबाई मेडिकल कॉलेज रखा गया है। फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों का नामकरण भी इसी तरह किया जाएगा। इन संस्थानों में 450 से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता बरतने पर जोर दिया है। इन संस्थानों में 450 से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता बरतने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि मेरिट के आधार पर अच्छे शिक्षकों का चयन किया जाए।
बढ़ जाएंगी एमबीबीएस की 900 सीटें
प्रदेश में स्थापित किए गए इन नौ मेडिकल कॉलेजों में नए शैक्षिक सत्र 2021 से ही पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। प्रत्येक मेडिकल कालेज में सौ-सौ सीटें एमबीबीएस की होंगी। इस तरह एमबीबीएस की कुल 900 सीटें बढ़ जाएंगी। अभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की करीब तीन हजार सीटें हैं। अब आगे कुल 3900 सीटें होंगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पढ़ाई शुरू करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। करीब 450 से अधिक संकाय सदस्यों की भर्ती की जा रही है। 13 और नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2017 से पहले मात्र 12 मेडिकल कालेज ही थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी इजाफा किया गया है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। राज्य सरकार हर जिले में एक मेडिकल कालेज स्थापित करने पर जोर दे रही है।
प्रदेश में डाक्टरों की कमी
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2015 के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 65,343 डॉक्टर पंजीकृत हैं, जिनमें से 52,274 राज्य में प्रैक्टिस करते हैं। राज्य की आबादी और डॉक्टरों की इस संख्या के अनुसार प्रत्येक डॉक्टर पर 3,812 मरीजों को देखने की जिम्मेदारी है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रत्येक डॉक्टर के जिम्मे 1000 मरीज होने चाहिए। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मात्र 13 हजार डॉक्टर कार्यरत हैं। जबकि राज्य की बढ़ती आबादी और मरीजों के आंकड़ों के लिहाज से यह संख्या लगभग 45 हजार होनी चाहिए।
यूपी में सर्वाधिक ऑक्सीजन प्लांट
अब तक पूरे प्रदेश में 171 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किए जा चुके हैं। प्रदेश में 15 अगस्त तक लगभग 541 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील करने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है। इन सभी प्लांट के सक्रिय होने के साथ ही यूपी देश के दूसरे राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाला राज्य होगा।
यूपी में कुल मेडिकल कॉलेज | 48 |
यूपी में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज | 13 |
प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें | तीन हजार |
नौ मेडिकल कॉलेज में बढ़ेगीं सीटें | नौ सौ |
उत्तर प्रदेश में कुल पंजीकृत डॉक्टर | 65,343 |
राज्य में प्रैक्टिस करने वाले डाक्टर | 52,274 |
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डाक्टर | 13 हजार |