लखनऊ

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने चला ये दांव, यूपी की इन 41 सीटों पर बड़े उलटफेर की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गठबंधन के खिलाफ भी जबर्दस्त एक्शन…

लखनऊFeb 19, 2019 / 10:52 am

नितिन श्रीवास्तव

लोकसभा चुमाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने चला ये दांव, यूपी की इन 41 सीटों पर बड़े उलटफेर की तैयारी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा गठजोड़ का तोड़ निकालने और प्रियंका गांधी के असर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबर्दस्त घेराबंदी शुरू कर दी है। इसी उद्देश्य से उनकी रैलियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। एक हफ्ते के भीतर प्रधानमंत्री की उत्तर प्रदेश में चार-चार रैलियां होने जा रही है। झांसी के बाद मंगलवार को वाराणसी फिर गोरखपुर और अमेठी में रैलियां आयोजित की गई हैं।
 

गठबंधन और प्रियंका का असर कम करना मकसद

पीएम मोदी का निशाना उसी पूर्वी संभाग की 41 सीटों पर भी टिका है, जिसका जिम्मा प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपा गया है। इन सीटों में मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से लेकर अमेठी, रायबरेली और बुंदेलखंड की झांसी समेत चारों लोकसभा सीटें हैं। वहीं दूसरी तरफ सपा-बसपा के चुनाव पूर्व गठबंधन से भी बीजेपी को अपना सोशल इंजीनियरिंग का समीकरण बिगड़ता हुआ दिख रहा है। यूपी में प्रमुख विपक्षी दलों के एक साथ आने से बीजेपी को अपनी राह मुश्किल नजर आ रही है। इसीलिए पार्टी नई रणनीति के तहत पीएम मोदी को यूपी में फ्रंटफुट पर रखकर आगे बढ़ रही है। कुल मिलाकर पीएम अपनी ताबड़तोड़ रैलियों के सहारे प्रियंका गांधी के आकर्षण को कम करने और अखिलेश-मायावती के गठबंधन की धार को कुंद करने में जुट गए हैं।

बुंदेलखंड में मोदी ने विपक्ष को दिखाया ट्रेलर

पीएम मोदी ने अपनी रैलियों की शुरुआत प्रियंका के प्रभार वाले क्षेत्रों से ही की है। बीते 15 फरवरी को मोदी झांसी में थे। मोदी ने झांसी में लगभर 20 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। लोकसभा चुनाव को लक्ष्य करते हुए मोदी ने यहां अपनी सभा की तो उसमें भी बुंदेलखंड की झांसी, हमीरपुर, जालौन और बांदा लोकसभा क्षेत्रों की भीड़ उमड़ी। जिससे यह तो साफ हो गया कि अभी भी मोदी का जादू आमजन के सिर चढ़कर बोल रहा है। मोदी की इस हुंकार को जानकार विपक्ष के लिए लोकसभा चुनाव से पहले का ट्रेलर मानकर चल रहे हैं।

मायावती के सपने को बीजेपी ने किया हाइजैक

झांसी के बाद मोदी 19 फरवरी को वाराणसी जा रहे हैं। वह यहां पर 2900 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इन्हीं योजनाओं में प्रस्तावित मायावती का 22 साल पुराना सपना संत रविदास का स्मारक भी शामिल है। पीएम मोदी यहां मायावती के उस सपने को पूरा करने जा रहे हैं, जो कभी उनके मौजूदा गठबंधन सहयोगी सपा और बसपा की सरकार में देखा गया था। पीएम मोदी संत रविदास की जयंती पर रविदास मंदिर जाएंगे और रविदास जन्मस्थली क्षेत्र विकास परियोजना का शिलान्यास करेंगे। कुल मिलाकर पीएम मोदी मायावती के सपने को हाइजैक करके गठबंधन की पकड़ को कमजोर करना चाहते हैं।

गोरखपुर में अन्नदाता से संवाद करेंगे मोदी

किसानों से मोदी के संवाद के लिए भाजपा ने योगी के गढ़ गोरखपुर को चुना है। मोदी 24 फरवरी को गोरखपुर में भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन करेंगे। इस दौरान किसान रैली में उनका उद्बोधन लोकसभा चुनाव के लिए दिशा तय करेगा। पीएम मोदी गोरखपुर की पिपराइच और बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल का उद्घाटन करेंगे। इन मिलों के शुरू होने से यहां के करीब 40 हजार किसानों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5500 लोगों को रोजगार दमिलने की भी संभावना जताई जा रही है।

अमेठी में राहुल को घेरने की तैयारी

24 फरवरी को गोरखपुर में भाजपा किसान मोर्चा के अधिवेशन को संबोधित करने के तीन दिन बाद ही 27 फरवरी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में भी पीएम मोदी का कार्यक्रम प्रस्तावित है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को मोदी के कार्यक्रम की तैयारी की जिम्मेदारी दी गई है। मोदी अमेठी में ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को घेरने के लिए आ रहे हैं। 27 फरवरी को मोदी मुंशीगंज में एचएएल के कार्यक्रम में शामिल होंगे। अमेठी में वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे। विकासपरक योजनाओं और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की लगातार सक्रियता से बने माहौल को पीएम मोदी और मजबूती प्रदान करेंगे।

सपा-बसपा ने अपनाई वेट एंड वाच की रणनीति

इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा का गठबंधन हुआ है। दोनों दल 38-38 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि गठबंधन के आधिकारिक एलान के बाद से ही अखिलेश और मायावती ने वेट एंड वाच की रणनीति अपना रखी है। दोनों नेता बीजेपी के प्रत्याशियों की टोह लेने में जुटे हैं। जिससे वह उनके मुकाबले अपना दमदार कैंडीडेट मैदान में उतार सकें। वहीं दूसरी तरफ प्रत्याशियों की घोषणो में देरी के पीछे की वजह नेताओ की बगावत का डर भी माना जा रहा है।
 

कांग्रेस को प्रियंका का सहारा

बीते दिनों हुए प्रियंका गांधी वाड्रा के लखनऊ दौरा को कई मायनों में कांग्रेस के लिए एक गेम चेंजर या कहें कई समस्याओं के हल के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका ने यहां दिन रात की बैठकों में करीब चार हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर एक खाका तैयार कर लिया है और उनके पास एक रणनीति भी है जो कांग्रेस को इन ईलाकों में बीजेपी के खिलाफ फिर से जिंदा कर सकती है।
 

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