अभी तक 27.33 लाख वेंडरों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपये का पहला लोन मिल चुका है। सभी को बैंकों से क्यूआर कोड भी मिला था ताकि वह ग्राहकों से डिजिटल ट्रांजेक्शन कराएं। मगर हकीकत यह है कि इनमें से 98 प्रतिशत वेंडरों ने इस क्यूआर कोड को घर ले जाकर टांग दिया। ठेलों आदि पर लगाया ही नहीं। इस वजह से इन्हें हर माह 100 रुपये यानी सालाना 1200 रुपये का जो कैश बैक मिल सकता था वो नहीं मिला।
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प्रशिक्षण के लिए वार्डवार लगा रहे कैंप डूडा के परियोजना अधिकारी तेज कुमार कहते हैं कि ज्यादातर वेंडरों के अशिक्षित और कम जागरूक होने की वजह से यह राहत नहीं मिली है। अब वार्डवार कैंप लगाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। अगर वह रोजाना 8 से 10 डिजिटल ट्रांजेक्शन करेंगे तभी हर माह 200 से पार जा सकेंगे। अगर 200 से 1 भी कम ट्रांजेक्शन हुआ तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना का लाभ वो 10 हजार का पहला लोन लेने वाले भी उठा सकते हैं और 20 हजार का दूसरा लोन लेने वाले भी। यह भी पढ़ें