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अब सोशल मीडिया में एक्जिट पोल पर कवि सम्मेलन, पढि़ए मजेदार कविताएं

locationलखनऊPublished: May 22, 2019 12:09:44 pm

Submitted by:

Anil Ankur

अब सोशल मीडिया में एक्जिट पोल पर कवि सम्मेलन, पढि़ए मजेदार कविताएं

poems on social media for exit poll in UP election 2019

poems on social media for exit poll in UP election 2019

लखनऊ। सोशल मीडिया पर इन दिनों कवि सम्मेलन की बहार आ गई है। पूरा कवि सम्मेलन ऑन लाइन हो रहा है। वह भी एक्जिट पोल पर। कवि अपने गुबार नेताओं की जुबान से कह रहे हैं। देखिए किसने क्या कहा-
सोशल मीडिया और फेसबुक पर सुधीर द्विवेदी ने यह कविता लिखी-

जाने कहाँ से आ गिरा, ये कैसा एग्जिट पोल
वक़्त से पहले खुल गई, बड़े बड़ों की पोल
धुंधला-धुंधला सा कोई छोर नजऱ आता है
हमको वही तुमको कोई और नजऱ आता है
कोई बोले सच्चा झूठा, कोई कहे हकीकत है
मानें तो किसकी मानें, ये भी अजब मुसीबत है
चढ़ते दिनों में क्या बोलें,मुन्नी होगी लल्ला होगा
रखो तसल्ली दो दिन की, फिर बिस्मिल्ला होगा
भानमती यूँ जोड़ रही देखो कुनबा अपना
आंखें बंद ही रखना अपनी टूट न जाए सपना
उसने ध्यान लगाया है, कितने धूनी रमाएँगे
फेल हुए दोनों बच्चे,फिर नानी के घर जाएंगे
दक्षिण में पड़ी दरारें, पूरब में भड़की ज्वाला
पश्चिम किसको पार लगाए, उत्तर में प्रश्नों की माला
कितनों की नींद गई और कितनों का चैन
पशोपेश में पड़े हुए हाथी झाड़ू पंजा और लालटेन
गठबंधन के महारथी कब करते अपना मुष्टि प्रहार
अभागी ईवीएम भी बैठी रोने चिल्लाने को तैयार।
इसके जवाब में दूसरी कविता कृष्ण कुमार उर्फ केके ने लिखी-

चुनाव बाद
हमारे टीवी पर एक्जिट पोल आया
फूल वाले को हंसाया
गजानंद साइकिल वाले को रुलाया
हैंड पंप का पानी सूख गया
पंजे को दूर से बाय बाय कह गया
लोगों को समझ नहीं आया ये क्या हो गया
पप्पू के टीवी पर भी एक्जिट पोल आया
फिर रुकावट के लिए खेद बताया
फूल फूल तोड़कर तैयारी कर डाली
ले आया हर पुष्प हर गली मोहल्ले का माली
हो उखाड़ फेकने के करते थे दावे
उन्होंने दूध की रखवाली
बिल्ली को दे डाली
परिणाम सामने था,
दूध खत्म था
पीते पीते दूध बिल्ली मोटी हो गई
एक्जिट पोल की संख्या भी छोटी हो गई

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