मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले दुर्गेश यादव पीजीआई के वृंदावन सेक्टर 14 में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। बुधवार सुबह कुछ कार सवार लोग घर पहुंचे और घर में घुसकर गोली मार दी। दुर्गेश को पेट में गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। एसीपी कैंट बीनू सिंह के मुताबिक सुबह एसयूवी सवार लोग दुर्गेश के घर आए थे। अंदर बैठकर काफी देर तक बातचीत हुई। बाहर जाते समय किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। आशंका जताई गई है कि विवाद पैसों को लेकर हुआ था। जिसके बाद गुस्से में आकर दुर्गेश को गोली मार दी गई। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की तलाश में जुट गई।
आरोपियों में महिला भी शामिल जांच में पता चला कि दुर्गेश यादव पर हमला करने वाले बदमाशों में एक महिला भी शामिल है। दुर्गेश के साथ रहने वाले सोमेंद्र के मुताबिक करीब आठ बजे ऑडी और स्कॉर्पियो से आठ लोग घर पर आए थे, जिसमें एक महिला जिसका नाम पलक ठाकुर है वह भी शामिल थी। उसके साथ मनीष यादव नाम का लड़का भी था। सभी लोग घर में घुसे और दुर्गेश की तलाश शुरू कर दी। साथ में रहने वाले लोगों ने बताया कि वह बाथरुम में हैं। इसपर उन्होंने बाथरूम का दरवाजा भी खटखटाना शुरू कर दिया। बाहर निकलते ही पहले दुर्गेश को बुरी तरह पीटा इसके बाद उसे गोली मार दी। नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला पुलिस की प्राथमिक जांच में सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 68 लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आई है।
8 मुकदमे दर्ज दुर्गेश यादव के खिलाफ लखनऊ और गोरखपुर में आठ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। दो साल पहले उसके खिलाफ हजरतगंज थाने में नौकरी के नाम पर ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ था। दुर्गेश को गोरखपुर के उरुवा थाने का हिस्ट्रीशीटर भी बताया जा रहा है। वहां उसके खिलाफ डकैती व लूट के भी मुकदमे दर्ज हैं।