लखनऊ

फरार ब्लाक प्रमुख के खिलाफ पुलिस ने ऐसे की कुर्की की कार्यवाही

पुलिस घर के खिड़की दरवाजों को तोड़कर सारे घरेलू सामान को अपने साथ उठा ले गई है।
 

लखनऊAug 25, 2017 / 08:29 pm

Ashish Pandey

Ajay singh kurki

अम्बेडकर नगर. अपराधी चाहे जितना ताकतवर हो, लेकिन जब वह क़ानून के शिकंजे में फंसता है तो उसकी ताकत धरी की धरी रह जाती है। एक बार फिर यह साबित हुआ है कि क़ानून के सामने न कोई छोटा है और न कोई बड़ा। इस बार क़ानून के शिकंजे में एक ऐसा माफिया आया है, जो मौके पर माफिया से माननीय बन चूका है। जिले के कटेहरी ब्लाक के ब्लाक प्रमुख अजय सिपाही के खिलाफ दर्ज एक मुक़दमे में पिछले चार महीने से फरार होने के कारण अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कुर्की की कार्यवाही की है और घर के खिड़की दरवाजों को तोड़कर सारे घरेलू सामान को अपने साथ उठा ले गई है।
आरोप यह है कि अजय सिपाही विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान महरुआ थाना क्षेत्र के हीड़ी पकडिय़ा गांव में बसपा कार्यकर्ताओं से मारपीट और बवाल किया था, जिसमें उनके समर्थकों समेत उन पर भी मुकदमा महरुआ थाने में दर्ज था। बता दें कि विधानसभा चुनाव में अजय सिपाही भी कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से पीस पार्टी के उम्मीदवार थे और इसी क्षेत्र से बसपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री लालजी वर्मा भी प्रत्याशी थे। अजय सिपाही और लालजी वर्मा गुट से काफी तनातनी चल रही थी और चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों में जमकर बवाल हुआ था।
इसी दर्ज मुकदमे में अजय सिपाही चार महीने से फरार चल रहे थे। इसी दौरान न्यायालय ने अजय सिपाही के घर की कुर्की करने का आदेश दिया और न्यायालय के आदेश के अनुपालन में प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ अजय सिपाही के घर की कुर्की कराई। कुर्की के दौरान पुलिस घर के खिड़की दरवाजे के साथ घर का सारा सामान उठा ले गई।
माफिया से माननीय बनने का सफर
अम्बेडकर नगर के महरुआ थाना क्षेत्र के हरिनाथपुर गांव का निवासी अजय सिंह अब अजय सिपाही के नाम से जाना जाता है। दरअसल अजय सिंह की भर्ती पुलिस में हुई थी, लेकिन कुछ दिन ही पुलिस की नौकरी करने के बाद अजय सिंह को जरायम की दुनिया अच्छी लगने लगी, जिसके बाद अजय सिंह ने पुलिस की नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और देखते ही देखते हत्या, रंगदारी और फिरौती के दर्जनों मामले दर्ज होने के बाद अजय सिंह माफिया को अजय सिपाही के नाम से जाना जाने लगा।
पिछले पंचायत चुनाव में अजय सिपाही सपा खेमे में नजर आना शुरू हुआ और सपा के कुछ बड़े नेताओं से निकटता का ही परिणाम रहा कि अजय सिपाही ब्लाक प्रमुख का चुनाव जीत गया। पुन: जब विधानसभा का चुनाव सामने आया तो अजय सिपाही एक बार फिर विधायक का चुनाव लडऩे का मन बनाया, लेकिन सपा से टिकट न मिलने से सपा का दामन छोड़ पीस पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ गया। नामंकन के दौरान ही अजय सिपाही बसपा के वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा पर अपने हत्या करने का गंभीर आरोप तक लगा दिया था।

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