सोनिया गांधी इंदिरा गांधी की बड़ी बहू सोनिया गांधी एक भारतीय राजनेता और राजीव गांधी की पत्नी हैं। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें राजनीति में आना पड़ेगा लेकिन सास इंदिरा गांधी, देवर संजय गांधी व पति राजीव गांधी की मौत तथा देवरानी मेनका के कांग्रेस से अलग हो जाने के बाद उन्हें मजबूरन राजनीतिक विरासत संभालनी पड़ी और पिछले एक दशक से ज्यादा कांग्रेस की बागडोर अपने हाथ में लिए हुए हैं।
मेनका गांधी मेनका गांधी गांधी परिवार की छोटी बहू है। संजय गांधी की पत्नी ने सास इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजनीती में कदम रखा। मेनका ने अपने पति संजय गांधी की याद में संजय विचार मंच बनाया। यह बात अलग है कि इस छोटे राजनीतिक दल ने कोई खास मुकाम हासिल नहीं किया लेकिन इससे मेनका का राजनीतिक कद जरूर बढ़ा। गांधी-नेहरू परिवार की बहू मेनका गांधी ने जो कुछ भी राजनीति में हासिल किया अपने विवेक और कौशल से ही हासिल किया। जिस समय मेनका का संजय गांधी से विवाह हुआ। तब उनके राजनीति में आने के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। इंदिरा गांधी की देश व परिवार में अलग हनक हुआ करती थी। उनके इशारे बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता था लेकिन परिस्थितियां बदली और इस परिवार में सब कुछ बदल गया।
डिंपल यादव यूपी की राजनीति में तेजी से उभरने वाली डिंपल यादव ने राजनीति में तेजी से मुकाम हासिल किया। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू डिम्पल यादव ने काफी कम समय में राजनीतिक क्षेत्र में खुद को स्थापित करने का काम किया। कन्नौज संसदीय सीट से चुनी जा चुकी डिम्पल यादव की सरलता और सहजता के कारण उनका राजनीतिक प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वह एक बार फिर लोकसभा का चुनाव मैदान में हैं ।
अपर्णा यादव देश के बड़े नेताओं में शुमार मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की बात की जाए तो इस समय वह यूपी की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार हैं। मुलायम परिवार में हुइ अंतर्कलह के बाद अपर्णा जिस तरह से अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के खेमें में बताई जा रही है। उससे अपर्णा के बढते राजनीतिक कद का अंदाजा लगाया जा सकता है। समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव को परिवार में अपर्णा का समर्थन मिला है। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव कह चुकी हैं कि अगर शिवपाल की पार्टी से मौका मिला तो लोकसभा चुनाव भी लडूंगी। इसके पहले अपर्णा यूपी विधानसभा का चुनाव लखनऊ की कैण्ट विधानसभा सीट से लड चुकी है। यह बात अलग है कि मोदी लहर के चलते उन्हे हार का सामना करना पड़ा।