भाजपा ने 27 पिछड़ों पर दांव लगाया है। भाजपा के सहयोगी दल व मिर्जापुर प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल पिछड़ा वर्ग (कुर्मी) से आती हैं। रॉबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट भी अपना दल के छोड़ी गई है, यहां भी पिछड़ा प्रत्याशी ही आएगा। इसके अलावा भाजपा ने घोषी सीट हरिनरायन राजभर को टिकट दिया है।
सपा-बसपा गठबंधन का जातीय आधार यादव, ओबीसी और मुस्लिम है। सपा के कोठे में आईं 37 सीटों में से 20 पर ओबीसी चेहरों पर पार्टी ने दांव लगाया है। इनमें 10 यादव और 10 अन्य पिछड़ी जातियों के हैं। इनमें बरेली, लखीमपुर खीरी और इलाहाबाद में कुर्मी व महाराजगंज में सैंथवार को उम्मीदवार बनाया है। गोरखुपुर, मिर्जापुर, कानपुर और पीलीभीत में निषाद व किसान जातियों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। वहीं चंदौली में चौहान और कुशीनगर में कुशवाहा प्रत्याशी हैं।
इसके अलावा सपा ने 4 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है। इसमें रामपुर से आजम खां, कैराना से तबस्सुम हसन, मुरादाबाद से डॉ. एसटी हसन और संभल से सफिकर रहमान बार्क को टिकट दिया है। वहीं सपा ने संवर्ण जातियों के 5 उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है।
यादव को भी तवज्जो सपा ने अपना कोर वोट बैंक समझे जानवे वाले यादव समाज को टिकट में तरजीह दी है। सपा ने मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, कन्नौज, बदायूं, झांसी, फैजाबाद, आजमगढ़, फूलपुर और वाराणसी सीट पर यादव प्रतयाशी उतारे हैं। मैनपुर से मुलायम सिंह यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, कन्नौज से डिंपल यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, झांसी से श्याम सुंदर यादव, फैजाबाद से आनंद सेन यादव, आजमगढ़ से अखिलेश यादव, फूलपुर से पंधारी यादव और वाराणसी से शालिनी यादव चुनावी मैदान में हैं।
बसपा के यादव प्रत्याशी बसपा ने 38 सीटों में से 2 सीटों पर यादव बिरादरी को तरजीह दी है। कैसरगंज से चंद्रदेव राम यादव और जौनपुर से श्याम सिंह यादव को टिकट दिया है। बसपा के गैर यादव ओबीसी प्रत्याशी की बात करें, तो श्रावस्ती सीट से राम शिरोमणि त्रिपाठी को टिकट दिया है।