बूथ को ही मजबूत करने पर सबका जोर है। उप्र में आने वाले समय में 13 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) के लिए यह पहला राजनीतिक इम्तहान होगा। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) , कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी ((Priyanka Gandhi Vadra) और बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की राहें भी अब जुदा हैं। सपा और बसपा का गठजोड़ टूट चुका है तो प्रियंका गांधी को अपना वजूद साबित करना है। इसीलिए सभी नेता सक्रिय हैं। हर दल एक दूसरे को कमजोर करने की रणनीति बना रहा है। भाजपा ने बूथों पर ही विपक्षी दलों की जड़ें कमजोर करने पर काम शुरू किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जिलों-जिलों में बैठक कर संगठन की नब्ज टटोल की कवायद में जुटी हैं। समाजवादी पार्टी भी सत्र खत्म होते ही बूथ स्तर पर बैठकें शुरू करेगी। बसपा ने जिलेवार कमेटियों की मजबूती के साथ ही नेताओं के गांव भ्रमण के निर्देश दिए हैं।
प्रियंका जिलों में जाकर लेंगी संगठन की थाह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जिलों में बैठक कर संगठन की नब्ज टटोल रही हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव का इसी सप्ताह पूर्वी यूपी के एक जिले में आने का कार्यक्रम था जो फिलहाल दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के असमायिक निधन के कारण स्थगित हो गया है। प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रियंका गांधी इन दिनों में संगठन में बदलाव के काम में लगी हैं। सभी जिला-शहर कमेटियां भंग हैं और इनकी जगह नई कमेटियां बननी हैं। प्रियंका चाहती हैं कि इस बार संगठन में ऊर्जावान और मेहनती लोगों को तरजीह मिले, जिससे लंबे समय से मृतप्राय स्थानीय कमेटियों में जान आ सके। प्रियंका अब तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों के नेताओं से मिल चुकी हैं। इसी क्रम में आगे उनकी खुद जिलों में जाने की योजना है।
सत्र खत्म होती ही सपा बूथ स्तर पर जुटेगी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सपा को मजबूती देने के लिए कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाने का निर्देश दे चुके हैं। ताकि कार्यकर्ताओं का जनता से सीधा संवाद हो सके। इसके बाद मिले फीडबैक के आधार पर संगठन में जरूरी बदलाव किया जाएगा। पार्टी की योजना बूथ लेवल तक सदस्यता अभियान तेज करने की भी है। संसद और विधान सभा का सत्र खत्म होते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसदों और विधायकों के साथ उप चुनाव की तैयारी में जुटेंगे। दर्जनभर से ज्यादा विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव के लिए बड़ी तादाद में आवेदन आए हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम बताते हैं कि सपा अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए अभी से जुट गई है।
बसपा का जिलेवार कमेटियों की मजबूती पर जोर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया है। बसपा जिलेवार कमेटियों की मजबूत कर रही है। ग्रामसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जा रहा है। 13 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले तीन मंडलों को मिलाकर एक जोन बनाया गया है। मंडल प्रमुख अब जोन प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। जबकि मंडल कोऑर्डिनेटर अब मुख्य जोन प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। एक तरह से मायावती उपचुनाव के साथ-साथ 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी जुट गई हैं। इसीलिए पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव घूम रहे हैं।