लखनऊ

राजनीतिक पार्टियों के चौखटा पहुंची निकाय चुनाव की आहट, कोई ढून्ढ रहा उमीदवार तो किसी ने बनाई कमिटी

पहली बार नगर निकाय चुनाव में सभी दल अपने-अपने दलों के सिंबल पर मैदान में उतर रहे हैं

लखनऊOct 14, 2017 / 08:22 pm

Dikshant Sharma

UP Nikay Chunav

लखनऊ। यूपी निकाय चुनाव की तैयारियों की सुगबुगाहट राजनीतिक दलों के दफ्तर पहुँच चुकी है। चुनाव इस बार दिलचस्प इसलिए भी है क्योंकि इस चुनाव के सहारे ही पार्टियां 2019 का सफर तय करेंगी। इस सफर के लिए भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने सिंबल पर चुनावी पारी खेलेंगी।
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा विरोधी दलों को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद सभी दल इस चुनाव में अपनी ताकत का परीक्षण करना चाहते हैं। इस चुनाव में अभी तक सभी दल चुनावी मैदान में अकेले उतरने का मन बना रहे हैं। निकाय चुनाव नवंबर अंत में तीन चरणों में हो सकते हैं। दिवाली बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी है।
चुनाव से पहले जहां पार्षदी के टिकट को लेकर मंथन हो रहा है तो मेयर उमीदवार को भी लेकर संघर्ष दिखाई देरहा। हर कोई पार्टी की टिकट पर चुनावी पारी खेलना चाहता है।

बसपा ने शुरू की बूथ लेवल पर तैयारी
बहुजन समाज पार्टी ने बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को चुनावी तैयारी की जिम्मेदारी सौंपी है। चुनाव से पहले सक्रिय सदस्यता अभियान की भी शुरुआत की जा चुकी है। पार्टी सूत्र ने बताया कि टिकट के लिए कार्यकर्ताओं ने आवेदन किये हैं। जोन और बूथ लेवल के पदाधिकारी उनकी समीक्षा कर रहे हैं। जनता के बीच अच्छी पैठ और साफ छवि वाले को ही टिकट दिया जाएगा। बसपा के लखनऊ जिलाध्यक्ष डॉ हरिकृष्ण गौतम कहते हैं कि टिकट देते समय प्रत्याशी के जातीय समीकरण और उसके जीतने की संभावना को प्रमुख रूप से ध्यान में रखा जाएगा।
कांग्रेस ने गठित की कमिटी

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन भले ही बातों में बरकरार हो लेकिन निकाय चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग ही लड़ेंगी। निकाय चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है। इसमें पूर्व विधायक सतीश अजमानी, अनुसुइया शर्मा और नदीम अशरफ जायसी शामिल हैं। अब इन्ही के ज़िम्मे कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेगी। कांग्रेस पार्टी अब अकेले दम पर सभी वार्डों में चुनाव लडने की तैयारी कर रही है।
भाजपा पार्षदों को टिकट कटने का डर

एक ओर जहाँ विरोधी दल अपने-अपने स्तर पर नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं वहीं भाजपा के लिए भी यह चुनाव साख का सवाल बन चुका है। पहली बार नगर निकाय चुनाव में सभी दल अपने-अपने दलों के सिंबल पर मैदान में उतर रहे हैं, उसके बाद पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर रणनीति पर तैयारी शुरू कर दी है। पार्षदी के लिए टिकट की होड़ को देखते हुए माना जा रहा है कि निकाय चुनाव में भाजपा दिल्ली की तर्ज पर मौजूदा पार्षदों के टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को टिकट देगी। इससे टिकट की चाह में बगावत को रोका जा सके। दिलवाली बाद भाजपा की ओर से मेयर पद के लिए खोज कर दी गयी है। 12 निकायों में 10 पर भाजपा का कब्ज़ा है इसलिए नयी 4 नगर निगमों के पहले नागरिक पर भी भाजपा की नज़र है। मेयर प्रत्याशी चुनाव के लिए भाजपा लगातार जोनल पदाघिकारियों के साथ बैठक कर रही है।
आम आदमी पार्टी ने भी बुलाए मेयर के लिए उमीदवार
‘आप’ की ओर से पार्टी ने मेयर पद के लिए प्रत्याशिओं का आवेदन माँगा है। इससे पहले पार्टी पार्षद पद के लिए आवेदन मंगवा चुकी है। जल्द ही पार्टी की ओर से पार्षद उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे।
 

 
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