पार्टी के बड़े नेताओं की लोकेशन यूपी के बाहर दिल्ली की ओर इशारा करने लगी।
बसपा मुख्यालय भी बंद ही दिखा। यहां इंट्री पहले भी इतनी सुगम न थी और आज भी नहीं।अब सियासी गलियारे में उल्टी गिनती शुरू हो गई है। किसकी सरकार बनेगी, किसकी नहीं इसका गुणा-भाग लगाने का काम शुरू हो गया है।
सीएम को अपना गढ़ बचाने की चिंता , गुरुवार को पूर्वाचल में सभी प्रमुख दलों के नेताओं की रैली हुई। एक की रैली खत्म तो दूसरी की शुरू। यूपी के सीएम अपना गढ़ बचाने के लिए गोरखपुर में ही डेरा डाले रहे।
चुनाव प्रचार खत्म होते होते सूबे की राजधानी लखनऊ में पार्टी मुख्यालयों का हाल भी बदल गया। कांग्रेस कार्यालय में प्रचार खत्म होते ही सन्नाटा छा गया। बड़े नेता दिल्ली चले गए और छुटभैये नेता थकावट उतारने में व्यस्त हो गए।
सपा कार्यालय का मुख्य द्वार शुक्रवार की शाम बार-बार खुलता और बंद होता रहा। पार्टी के कर्मचारियों की ही गाडिय़ां अंदर आ जा रही थीं। मीडिया से जुड़े लोग अंदर आ जा रहे थे। लगभग सभी कार्यालयों से गायब हो गए।
प्रगतिशील पार्टी कार्यालय में रोज मिलने वाले कर्मचारी और पार्टी की सुरक्षा में तैनात किए गए गार्ड ही हर जगह दिखाई दिए।