हर दिन एक लाख लोग करेंगे दर्शन वहीं अयोध्या में भूमिपूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से अयोध्या के विकास की रूपरेखा खींचने का संकेत दिया है, उससे यहां की आर्थिक प्रगति का रास्ता साफ खुलता नजर आ रहा है। हालांकि वर्तमान में यूपी की अर्थव्यवस्था में अयोध्या का योगदान नाम मात्र का ही है, लेकिन अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। आंकड़ों के मुताबिक 2019 में यहां कुल 3.4 लाख टूरिस्ट आए थे। जबकि 2015 में 1.4 लाख यानी पिछले पांच सालों में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 2.5 गुना बढ़ी है। यही नहीं राममंदिर के मुख्य डिजाइनर चंद्रकांत सोमपुरा के बेटे आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा का कहना है कि मंदिर बनने के बाद यहां हर दिन करीब 1 लाख लोग दर्शन के लिए आएंगे। जिसके हिसाब से करीब 3.6 करोड़ लोग हर साल यहां आएंगे। यानी कुंभ की तरह ही राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या ग्लोबल टूरिज्म सेंटर बनेगा और हर साल आना वाले लोगों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोत्तरी होगी। ट्रस्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि राम मंदिर को इस तरह से डेवलप किया जाएगा, जिससे यहां होटल वालों, दुकानदारों, फूल-माला वालों, ट्रेवल एजेंसियों और दीये बेचने वाले लोगों को फायदा हो। उनका कहना है कि जैसे देश के दूसरे मंदिरों के माध्यम से रोजगार मिलता है, उसी तरह यहां भी लोगों को फायदा होगा।
पीएम ने खींचा भविष्य की राजनीति का खाका रामनगरी अयोध्या से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भक्ति से प्रेम और शक्ति से शासन का संदेश दिया। रामजन्मभूमि में वह रामलला के सामने साष्टांग दंडवत हो गए। श्रीराम की मर्यादा और उनकी नीतियों का बखान किया। मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम की नीति -भय बिन होय न प्रीति, का हवाला देते हुए मोदी ने सख्ती से शासन चलाने की बात कही। राममंदिर के शिलान्यास के बहाने वो भविष्य की राजनीति का खाका खींच गए। मंदिर के सहारे पीएम मोदी ने पर्यटन में बदलाव का संकेत दिया। मतलब साफ है श्रीराम आस्था और राष्ट्रीय भावना के प्रतीक तो होंगे ही आर्थिक तस्वीर बदलने का माध्यम भी बनेंगे। पूरी दुनिया के लोग जब अयोध्या आएंगे तब यहां की भव्यता बढ़ेगी। क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र बदलेगा। हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे। मोदी ने देश के ताकतवर बनने पर ही शांति होने की बात कहकर इस ओर भी इशारा कर दिया कि भारत अपनी रक्षानीति के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। भारत आगे बढ़ेगा और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा।