script

डाक टिकटों व पत्रों के पीछे छुपी कहानी से बच्चों को जोड़ने की जरूरत – डाक निदेशक केके यादव

locationलखनऊPublished: Jun 28, 2019 09:33:42 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

डाक टिकटों का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान

Postal Director KK Yadav

डाक टिकटों व पत्रों के पीछे छुपी कहानी से बच्चों को जोड़ने की जरूरत – डाक निदेशक केके यादव

लखनऊ , फिलेटली सिर्फ डाक टिकटों का संग्रह ही नहीं, बल्कि इसका अध्ययन भी है। डाक टिकटों और पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छिपी है। सोशल मीडिया और वाट्सएप के इस दौर में कॉपी-पेस्ट की बजाय डाक टिकटों व पत्रों के पीछे छुपी कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है, ताकि उनमें रचनात्मक अभिरुचि विकसित की जा सके। उक्त उद्गार लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें कृष्ण कुमार यादव ने लखनऊ जीपीओ में आयोजित फिलेटलिक समर कैम्प के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता जीपीओ के चीफ पोस्टमास्टर आर. एन. यादव ने की।
इस अवसर पर स्कूली बच्चों हेतु फिलेटलिक वर्कशॉप, सेमिनार और क़्विज प्रतियोगिता के आयोजन के साथ दीनदयाल स्पर्श छात्र वृत्ति योजना के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी गई। इसमें विभिन्न स्कूलों के 50 से भी ज्यादा बच्चे शामिल हुए। डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकटों का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। इनके माध्यम से विद्यार्थियों एवं युवाओं को तमाम रोचक जानकारी प्राप्त होती है जो कि उनके व्यक्तित्व एवं कैरियर निर्माण में सहायक है। हर डाक टिकट एक अहम एवं समकालीन विषय को उठाकर वर्तमान परिवेश से इसे जोड़ता है, इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होता है।
चीफ पोस्ट मास्टर आरएन यादव ने कहा कि, डाक टिकट लोगों को अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। ऐसे में डाक टिकट संग्रह के प्रति बच्चों में अभिरुचि विकसित करना जरुरी है। बच्चों को उन्होंने फिलेटली डिपोजिट एकाउंट खाता के माध्यम से फिलेटली में रूचि बढाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

ट्रेंडिंग वीडियो