7 रुपये प्रति यूनिट खरीदी जा रही बिजली अधिकारी के मुताबिक सामान्य दिनों में भी सात रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदी जाती है। इसके अलावा ललितपुर, रोजा, ऊंचाहार, हरदुआगंज और पारीछा यूनिट से बिजली मिलती है। लेकिन हरदुआगंज और बारा इकाइयां काफी दिनों से बंद चल रही थी, जिन्हें फिर से चालू किया गया है।
16 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई पिछले दिनों प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए पावर कारपोरेशन ने इंडिया एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड से 15.85 रुपये प्रति यूनिट की दर से 16 मिलियन यूनिट बिजली खरीदने का काम किया था।
सरकार ने तय किया है शेड्यूल बता दें कि यूपी की योगी सरकार इस बात की घोषणा कर चुकी है कि सभी को शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति होनी चाहिए। शेड्यूल के मुताबिक गांवों 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 21.30 घंटे व बुंदेलखंड को 20 घंटे बिजली आपूर्ति का शेड्यूल है। इसके अलावा शहर और उद्योग बिजली कटौती से मुक्त रहेंगे।
बिजली संकट के पीछे कोयला उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य विद्युत सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली संकट के पीछे कारण कोयले की आपूर्ति न हो पाना है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के पास मानक के सापेक्ष 19 दिसंबर 2021 तक 73 प्रतिशत कोयले का भंडार था, जो 28 दिसंबर को 72 प्रतिशत तक पहुंच गया। 31 जनवरी 2022 पहुंचते-पहुंचते यह भंडार केवल मानक के सापेक्ष 70 प्रतिशत रहा। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर मानक के सापेक्ष 31 जनवरी को कोयले का भंडार केवल 41 प्रतिशत था।
लगातार कम हो रहा है कोयले का भंडार परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि लगातार कम कोयला होने की वजह से 28 फरवरी को उत्तर प्रदेश को में यह कोयले का भंडार केवल 54 प्रतिशत बचा, जो गत 31 मार्च पहुंचते-पहुंचते केवल 35 प्रतिशत हो गया। उन्होंने बताया कि उस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर मानक के सापेक्ष कोयले का भंडार केवल 38 प्रतिशत था। लेकिन धीरे-धीरे कोयला उपलब्ध ना हो पाने के कारण 4 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में यह कोयले का भंडार मानक के सापेक्ष उपलब्ध केवल 32 प्रतिशत रह गया। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल की बात करें तो तो यह भंडार केवल 24 प्रतिशत तक बचा। वही राष्ट्रीय स्तर पर मानक के सापेक्ष कोयला भंडार 35 प्रतिशत रहा जिस में लगातार गिरावट होती जा रही है।