ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा ‘उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर मिले,यह @UppclChairman की जिम्मेदारी है। जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक 8 माह में शहरी व 12 माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97% डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी, लेकिन आज भी 10.64% ही है. यह घोर लापरवाही है।”
लगातार आ रही शिकायतें दरअसल, बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बिजली विभाग की समीक्षा बैठक की थी। जिसमें उन्होंने सही समय पर सही बिल न मिलने की लगातार आ रही शिकायतों पर नाराजगी जताई थी और उपभोक्ताओं की समस्याओं का तत्काल समाधान किये जाने के साथ बिजली के बकाया बिल की वसूली कर विभागीय कार्यों में भी सुधार के निर्देश दिये थे। इसके बाद से उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने औचक निरीक्षण कर राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों के उपकेंद्रों पर सही समय पर सही बिल भेजने का निर्देश दिया। लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। लगातार सही समय पर सही बिजली बिल न देने की शिकायतें आ रही हैं। जबकि, शासन या प्रबंधन स्तर से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बैठक कर अधिकारियों को पहले ही उपकेंद्रों पर जाकर समीक्षा करने के निर्देश दिये गए हैं।