प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तीसरी किस्त (1 अगस्त से 30 नवंबर) किसानों के खाते में जानी थी, लेकिन अभी तक यूपी के किसानों के खाते में स्कीम का एक भी पैसा नहीं आया है। इस योजना की पहली किस्त वित्त वर्ष 2018-19 (31 मार्च 2019 से पहले) में ही किसानों को दे दी गई थी। दूसरी किस्त अप्रैल के महीने जारी हुई थी। पीएम-किसान डेटा के मुताबिक, देश के 6.47 करोड़ किसानों को पहली किस्त का लाभ मिला था, लेकिन दूसरी किस्त में किसानों क संख्या घटकर 3.83 करोड़ रह गई। तीसरी किस्त के पैसे अभी तक किसी किसान के खाते में नहीं आये हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी आधिकारिक वेबसाइट पर सोमवार रात तक अपडेट की गई जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के एक भी किसान को योजना की तीसरी किस्त के रुपये नहीं मिले हैं। किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को सालाना छह हजार रुपये (प्रतिमाह 500) देती है, जो 2000-2000 की शक्ल में तीन किस्तों में दिये जाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक देश के कुल 94.88 लाख किसानों को तीसरी किस्त के 2000-2000 रुपये का भुगतान कर दिया गया है। किसानों को तीसरी किस्त भुगतान करने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना अव्वल हैं। आंध्र प्रदेश के 16.35 लाख, गुजरात 13.99 लाख और तेलंगाना 11.03 लाख किसानों को तीसरी किस्त का भुगतान किया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के किसी किसान के खाते में अभी तक पैसे नहीं पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री किसान लाभार्थी आंकड़ों के अनुसार, देश भर में प्रत्येक चार लाभार्थियों में से एक उत्तर प्रदेश का किसान है।
घटती जा रही है लाभार्थी किसानों की संख्या
पीएम किसान योजना की पहली किस्त प्राप्त करने वाले 6.47 करोड़ किसानों में से सबसे अधिक लाभार्थी किसान यूपी से थे, जिनकी संख्या 1.58 करोड़ थी, जो कुल लाभार्थी किसानों की करीब 25 फीसदी संख्या है। वहीं, दूसरी किस्त में यूपी के लाभार्थी किसानों की संख्या घटकर 1.08 करोड़ रह गई। यूपी सरकार के अधिकारियों का कहना है कि 37 लाख किसानों को तीसरी किस्त के भुगतान के आदेश कृषि मंत्रालय को दे दिए गए हैं। यूपी सरकार के एक अधिकारी ने दावा करते हुए कहा कि इन किसानों को 2-3 दिनों में तीसरी किस्त मिलनी चाहिए। लाभार्थियों की संख्या कम होने पर अफसरों का कहना है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते पहली किस्त के मुकाबले किसानों की संख्या कम हुई है। गौरतलब है कि पहली किस्त देने के लिए ‘आधार’ की जगह दूसरे वैकल्पिक दस्तावेजों को मान्य किया गया था, अब केवल आधार से जुड़े खातों में ही योजना के रुपए ट्रांसफर किये जा रहे हैं।
विपक्ष ने बनाया मुद्दाजनता को गुमराह करना ही भाजपा का असली चरित्र है। कांग्रेस जनता से अपील करती है कि भाजपा को पहचानें। इनकी नीयत किसानों के विकास की नहीं है। चुनाव के समय लालच देकर जनता को गुमराह करने की साजिश थी, जो अब सबके सामने आ चुकी है।
अंशू अवस्थी, कांग्रेस प्रवक्ता जो पहली किस्त आई थी, उसे भोले किसान समझ नहीं पाए। दरअसल, वह चुनावी लालीपॉप था। अब हाल फिलहाल कोई चुनाव नहीं हैं तो किस्त भी नहीं है। चुनाव के वक्त फिर आ जाएगी कोई योजना।
राजेंद्र चौधरी, सपा प्रवक्ता काम निकल गया तो किस्त भी निकल गई। बिजली और डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए। अब भी संभल जाएं और इनक्लाब बोल दें भारत के किसान।
अनिल दुबे, प्रवक्ता, रालोद