script

यूपी में यह छोटी पार्टियां कांग्रेस से करने जा रही हैं गठबंधन, प्रियंका ने बिगाड़ा अखिलेश-मायावती का पूरा खेल!

locationलखनऊPublished: Feb 14, 2019 04:18:56 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

उत्तर प्रदेश में मौसम में भले ही ठंडा है, लेकिन प्रियंका की मौजूदगी से सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है

Priyanka Gandhi

यूपी में यह छोटी पार्टियां कांग्रेस से करने जा रही हैं गठबंधन, प्रियंका ने बिगाड़ा अखिलेश-मायावती का पूरा खेल!

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मौसम में भले ही ठंडा है, लेकिन प्रियंका की मौजूदगी से सूबे का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश की लोकसभा प्रभारी गांधी वाड्रा के यूपी दौरे का आज चौथा व अंतिम दिन है। गुरुवार को वह प्रेसवार्ता कर कई दलों से गठबंधन की घोषणा कर सकती हैं। इनमें शिववापा यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और पीस पार्टी अहम हैं। महान दल पहले ही कांग्रेस से गठबंधन कर चुका है। तो आइए जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में यह छोटे दल कहां-कहां बड़ी पार्टियों का खेल बिगाड़ सकते हैं।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया
संस्थापक- शिवपाल सिंह यादव
प्रभाव क्षेत्र- पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश
कभी समाजवादी पार्टी की रीढ़ रहे पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने 29 अगस्त 2018 को प्रसपा लोहिया पार्टी का गठन कर लिया। मैनपुरी, इटावा से लेकर पूर्वांचल की कई सीटों को प्रभावित करने की क्षमता। शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के बेस वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
Pragatisheel samajwadi party
महान दल
संस्थापक- केशव देव मौर्य
प्रभाव क्षेत्र- पश्चिमी उत्तर प्रदेश
2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में महान दल ने कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर क्रमश: दो और तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में महान दल ने यूपी में 70 सीटों पर और 2017 में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 2008 में गठित हुए महान दल का बेस वोटर मौर्या, सैनी, कुशवाहा और शाक्य आदित माने जाते हैं, यूपी में जिनकी आबादी करीब 14 फीसदी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर, बदायूं, एटा, कन्नौज, बरेली में शाक्य वोटरों पर खासी पकड़। 2014 में महान दल को बदायूं 0.6 फीसदी, नगीना में 0.5 फीसदी और एटा में 1.3 फीसदी वोट मिले थे।
mahan dal

पीस पार्टी
संस्थापक– मोहम्मद अय्यूब
प्रभाव क्षेत्र– पूर्वांचल
वर्ष 2008 में गठित पीस पार्टी घोषी, आजमगढ़ और संत कबीर नगर, समेत पूर्वांचल की मुस्लिम बहुल करीब आधा दर्जन सीटों को प्रभावित कर सकती है। 2009 के लोकसभा चुनाव में पीस पार्टी ने यूपी की 21 सीटों पर चुनाव लड़ा। पार्टी भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन वोट खूब मिले थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी ने सिद्धार्थनगर, डुमरियागंज, रायबरेली और कांठ समेत चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी।
piece party

ट्रेंडिंग वीडियो