script

उम्रकैद की सजा काट रहे बंदियों की रिहाई का सरकार को अधिकार : इलाहाबाद हाईकोर्ट

locationलखनऊPublished: Apr 22, 2021 02:46:10 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

आजीवन कैद की सजा काट रहे कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court Decision) ने कहा

उम्रकैद की सजा काट रहे बंदियों की रिहाई का सरकार को अधिकार : इलाहाबाद हाईकोर्ट

उम्रकैद की सजा काट रहे बंदियों की रिहाई का सरकार को अधिकार : इलाहाबाद हाईकोर्ट

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

प्रयागराज. आजीवन कैद (Life sentence prisoners) की सजा काट रहे कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court Decision) ने कहाकि, प्रदेश सरकार को इस पर फैसला लेने का पूरा अधिकार है। प्रदेश सरकार ने उम्र कैद की सजा पाए कैदियों को रिहा करने की नीति बना रखी है। जिसके अनुसार समय पूर्व रिहाई की अर्जी पर विचार करना सरकार का दायित्व है।
इलाहाबाद युनिवर्सिटी 30 अप्रैल तक बंद, संक्रमण को देखते हुए हाईकोर्ट भी चार दिन के लिये बंद किया गया

एक अगस्त 2018 की नीति में रिहाई की व्यवस्था :- हाईकोर्ट ने कहाकि, एक अगस्त 2018 की नीति को मानवाधिकार आयोग की नीति के मद्देनजर आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की समय पूर्व रिहाई की व्यवस्था की गई है। हाईकोर्ट ने कहाकि, याची 17 साल से जेल में है, उसे समय पूर्व रिहाई की मांग का अधिकार है। सरकार ने सजा के 12 साल 10 माह 29 दिन ही पूरे होने के आधार पर उसकी अर्जी खारिज कर थी। इसमें सीजेएम के वारंट से अभिरक्षा की अवधि नहीं जोड़ी गई। इसी के साथ कोर्ट ने रिहाई से इनकार करने के सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और नीति के तहत याची की समय पूर्व रिहाई पर विचार करने का निर्देश दिया है।
याची पर चार आपराधिक मुकदमे :- यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने गोरखपुर के सत्यव्रत राय की अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ चार आपराधिक मुकदमे थे। जिनमें से दो में वह बरी हो चुका है। एक में चार्जशीट में गवाह बना लिया गया है और चौथे में सजा मिली है। ऐसे में यह नहीं कह सकते की वह प्रोफेशनल किलर है।
दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा :- कोर्ट ने इस तर्क को भी नामंजूर कर दिया कि वह पीड़ित को धमकाएगा। कोर्ट ने कहा जब वह जमानत पर छूटा था तो ऐसी कोई शिकायत नहीं हुई। याची को गोरखपुर के कैंट थानाक्षेत्र में दिनदहाड़े हुए दोहरे हत्याकांड को लेकर आजीवन कारावास की सजा मिली। उसकी अपील भी खारिज हो चुकी है। ट्रायल के दौरान वह जमानत पर रिहा हुआ था। वह 17 साल जेल में बिता चुका है। 16 साल की सजा पूरी होने के बाद उसकी मां ने समय पूर्व रिहाई की अर्जी दी। बाद में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया तो सरकार ने अवधि कम होने के आधार पर उसकी अर्जी खारिज कर दी थी।

ट्रेंडिंग वीडियो